मो आफताब
इलाहाबाद। धर्म वह है जो अच्छे कार्यों के लिए प्रेरित कर दूसरों के हृदय को आकर्षित करे, ऐसे विचार डा.भीमराव अम्बेडकर के थे। डा.अम्बेडकर का जीवन बहुआयामी है, उन्होंने समाज में परिवर्तन लाकर एक नई दिशा दी। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सर कार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल ने बतौर मुख्य अतिथि रविवार को सीएमपी डिग्री कॉलेज में आयोजित डा. अम्बेडकर के दर्शन पर सभा को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने आगे कहा कि अब आवश्यकता है इसे गति देने की।
यह अब समाज में प्रतिनिधित्व चाहता है, उसके क्रोध को हम समझे, डा.अम्बेडकर के सिद्धान्तों को समझें। कहा कि अनेक संकटों को पार कर हम यहां आए हैं। मूर्ति पूजा के बारे में कहा कि इसका विरोध तो बहुतों ने किया था, लेकिन इसे कहीं छपवाया नहीं था। केवल कहकर शान्त हो गये थे। कहा कि सारे समाज को एक साथ लेकर चलने वाले का सम्मान करना चाहिए। उन्हें समझने के लिए सभी को आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति रामसूरत राम मौर्य ने कहा कि आदमी परिस्थितियों का दास होता है। एक तरफ अछूत वर्ग जो बना हुआ था और तिरस्कार का सामना कर रहा था। ऐसे में अधिकार दिलाने की चेतना डा. अम्बेडकर में जागृत होती है और इसके लिए उन्होंने संघर्ष किया। कहा कि महान वह है जो सेवक है और सेवा का भाव रखता है, यह हिन्दू दर्शन में है। कहा कि जो धारण योग्य आचरण है वही करना चाहिए। इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में चौधरी जितेन्द्र नाथ सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विभाग प्रचारक मनोज, अनुराग, अशोक बाजपेयी, उमेश द्विवेदी, डा.अजय सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।