(जावेद अंसारी)
नोट बंदी पर लगातार सोशल मीडिया पर जंग का माहोल बना हुआ है. सभी एक दुसरे पर खूब तंज़ कास रहे है. गौरतलब है की ट्विटर को सभी चिड़िया कहकर मजाक उड़ाने वाले लालू इन दिनों इस माइक्रोब्लागिंग साइट पर खुब सक्रिय है. तो आइए जानते किसने क्या कहा.
लालू यादव ने तंज़ कसते हुवे कहा. “ये गजब आदमी है, चुनाव के वक्त ही रिश्तेदारी निकालता है, क्या दुसरे राज्यों से पानी का रिश्ता है, देश के पीएम हो भुल क्यों जाते” एक अन्य ट्विट में लालू ने कहा कि “पीएम बताए की रूपये की कमजोरी और बदतर हालात का जिम्मेदार कौन है, इस कदम से जीडीपी ग्रोथ रेट जो गोते खाएगी, उसकी भरपाई में कितने वर्ष लगेंगे,”
इसके अलावा एक अन्य ट्विट में कहा गया कि ये अंकल पोड्जर हर घर में घूसकर सबका नुकसान कर रहा है, फिर भी वो आत्मा मुग्धता का शिकार है, की उससे अच्छा कोई नही है, एक ने कहा कि इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था में अव्यवस्था की छवी वाला जो नकारात्मक संदेश पूरे विश्व में गया है, उसे उबरने में कितने सालों की बली चढ़ेगी, मोदी जी देश के अंकल पोड्जर है, जो किसी काम को आरम्भ करते है, लेकिन अंत में वह काम बुरी तरह बीगड़ जाता है, क्या आरएसएस को लोगों की पीड़ा का आनंद आ रहा है, कही ऐसा तो नहीं, संघ के आदेश पर ही यह किया, मोहन भागवत चुप क्यों है,
इसी बीच पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, कुछ लोगों की पीड़ा यह है, की सरकार ने उनको तैयारी करने का समय नही दिया,वही लालू वे ट्वीट किया तुमने जो हंगामा किया खड़ा किया है, उसके शोर शराबे में करोड़ो लोगों के भुख और पीडा से कराहने की आवाज दब रही है, पर समझ लो अब और नहीं दबेगी, देश का किसान निर्धन सही, किंतु निर्बल नही है, भुखे किसान व निर्धन को सताने में प्रधानमंत्री को नैसर्गिक सुख प्राप्त हो रहा है, हम कालेधन के सख्त विरोधी है, कालेधन वाले को दबोचो, किंतु इसके नाम पर आप पूँजीपतियों की गोद में बैठकर आम लोगों को परेशान नहीं कर सकते, अंकल पोड्जर ने एक फोटो टांगने के उद्देश्य से दिवार में एक किल ठोकने के चक्कर में पूरी दिवार में ही छेद कर दिए, फोटो भी डेढ़ी ही टांगी, मोदी जी अंकल पोड्जर का Role paly कर रहे है, इस लिए ही वो आरबीआई वित्त मंत्रालय सरकार जनता, बीजेपी व किसान को परेशान करने पर तुले हुए है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कटाक्ष करते हुए ट्विटर वार करते हुवे कहा, अनुसंधान संस्था cmie का चौकाने वाला तथ्य है की विमुर्दिकरण के कारण सिर्फ लेनदेन में Rs 1.28 लाख करोड़ देश ने हमेशा के लिए खो दिया है, मोदी जी आपना विश्वसनीयता ही नही, एक बुरे प्रशासक भी है, असंगठित समवाय और कृषि क्षेत्रों के लिए कुछ भी नहीं है, केवल केंद्रीय क्षेत्रों के लिए छुट दिया गया है, 500 रूपये के नोटों के उपयोग की अवधि बढाएं, जल्द बाजी मे लिया हुआ निर्णय हर एक दिन और भी बड़ी गलती बनता जा रहा है, केवल छोटे मोटे अंतरिम बदलाव ही समाधान नही है, आपकी खतरनाक निती की वजह से समाज का एक विशाल वर्ग पूरी तरह से बाहर छुट गया है।
वही दुसरी तरफ दिग्विजय सिंह का ट्विटर वार निशाना, मोदी जी भाजपा नेताओं की संपत्तियां भी सार्वजनिक करवाइए (भाजपा नेता) वही दूसरी तरफ बसपा का एक ट्वीट आया कि बैंक के बाहर महिलाओं के साथ पुलिस वाले बदसलूकी और लाठी चार्ज करते हुए, इसकी मोदी जिम्मेदारी लो और संसद में जवाब दो, आधा किलो मीटर लम्बी लाइन है, ये लोग क्या कमाए क्या आपने घरवालों को खलाए, हमारा देश भुखमरी की ओर जाता हुआ, वही दिग्विजय सिंह का ट्विट आता, बैंक में जाने से एक अलग तरह का एहसास हो रहा है, जमाकरवाओ तो ऐसा लगता है चोर है, और निकलवाने जाओ तो लगता है, भीखारी हो, एक फिर बसपा का ट्वीट देश आर्थिक आपातकाल से जुझ रहा है, बड़बोले प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर बोलने से क्यों बच रहे है, दिग्विजय सिंह ट्वीट ग्रामीण क्षेत्र की सुविधा के लिए सहकारी बैंकों का नोटों की अदला बदली करने की स्वीकृति देने से किसानों को और आम जनता को सहुलियत होगी, वही एक ट्वीट करते है (गब्बर) क्या कहा गब्बर ने तो आइए जनते क्या है गब्बर के ट्वीट अब तो केजरीवाल ने भी मान लिया की मोदी सारे नोट ले लिए और नंगा कर दिया,
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सरकार का 1000 और 500 के नोटो को बन्द करने का निर्णय दूरदर्शी और सराहनीय है,मोदी जी के निर्णय की जितनी सराहना की जाये कम है, लेकिन अफसोस इस बात का है कि राजनीति के चलते बिरोधियों , देश द्रोहियो तथा बेईमानों को देश हित में लिए गये इस निर्णय में भी खामियां नजर आ रही हैं।