(जावेद अंसारी)
वाराणसी. नोटबंदी के दुष्प्रभावों के विरूद्ध कांग्रेस के
‘सवाल-सत्याग्रह’ आन्दोलन के ग्यारहवें दिन आज,प्रधानमंत्री के नगर आगमन से एक दिन पूर्व उनके स्थानीय कार्यालय पर कांग्रेसजनों के जोरदार प्रदर्शन के बीच सत्याग्रही किसानों ने विरोध स्वरूप अपना हल वहां तैनात अधिकारियों के हांथ में प्रधानमंत्री को सौंपने के लिए सुपुर्द कर दिया।
उन्होंने कहाकि नोटबंदी कालाधन लाने में तो नाकाम रही, लेकिन किसानों की कमर तोड़ने के साथ खेतीबारी को असंभव बनाकर रख दिया, जिला-शहर कांग्रेस कमेटी के संयोजन में आज सत्याग्रह-प्रदर्शन में केन्द्र सरकार एवं प्रधानमंत्री के विरुद्ध जमकर नारेबाजी के बीच कांग्रेसजनों ने कहाकि केंद्र सरकार पूरी तरह एक किसान विरोधी सरकार है, पहले से किसान हितों की उपेक्षा कल रही इस सरकार ने नोटबंदी से करेन्सी संकट और अभूतपूर्व मंदी आमंत्रित कर देश के किसानों संकट की आग में झोंक दिया है, सवाल-सत्याग्रह के क्रम में आज की प्रदर्शन-सभा के बीच कांग्रेस के विधायक अजय राय ने कहाकि कि सरकार किसानों को नगदी और मंदी की आग में झोंकने के बाद उनके जले पर मरहम की जगह नमक डाल रही है।उनकी आलू और सब्जी को कोल्ड स्टोरेज के किराये या उत्पादन की लागतभर भी कीमत नहीं मिल रही है और सरकार उनकी इस पीड़ा पर अपनी पीठ ठोंकते हुए कह रही है कि उसने मंहगाई कम कर दी या खेत में उसके कारण उत्पादन वृद्धि से दाम कम हो गये,राजेश मिश्र ने कहा कि किसान और खेत मजदूर खून के आंसू रो रहा है और निर्लज्जता के सरकार उसकी बदहाली के कारणों को पनी उपलब्धि बता जश्न मना रही है, किसान को समर्थन मूल्य पर आधा और जोड़कर भुगतान का वादा करके सत्तासीन हुए नरेंद्र मोदी जी के राज्य में किसान को नगदी की दरकार पर अपना धान समर्थन मूल्य की आधी कीमत पर और अनिश्चित कालीन उधारी में एक तिहाई कम कीमत पर बेचने की असह्य पीड़ा सहन करनी पड़ रही है, कांग्रेस नेताओं के साथ किसानों का हल प्रधानमंत्री की ओर से ग्रहण करने उनके कार्यालयीय अधिकारी बाहर आने को तैयार नहीं हुए,तब स्थानीय प्रशासन तंत्र ने वह दायित्व निभाया और किसान सत्याग्रहियों ने ए.सी.एम.चतुर्थ को सौंपा।
हल सुपुर्द करने वाले किसानों में शामिल थे,अमर देव यादव,सुदर्शन यादव,रामकुमार पाल,छोटे लाल यादव,उमा शंकर उर्फ गुड्डू सिंह ग्राम प्रधान गजोखर, (उक्त अवसर) पर सत्याग्रह-प्रदर्शन में शामिल कांग्रेसजनों में प्रमुख थे, प्रजानाथ शर्मा, सीताराम केसरी, शैलेंद्र सिंह, दुर्गाप्रसाद गुप्ता, विरेन्द्र कपूर, कमलाकर त्रिपाठी, गणेश शंकर पाण्डेय, डा०जितेन्द्र सेठ, पंडित कन्हैया त्रिपाठी, प्रमोद श्रीवास्तव, रामसुधार मिश्रा, हरीस मिश्रा, प्रमोद सोनकर, राघवेन्द्र चौबे, प्रमोद वर्मा, शकील अहमद जादूगर, पूनम कुण्डू, मीरा तिवारी, महजबी अंसारी, श्रीमती नीलम त्रिपाठी, राजेन्द्र मिश्रा राजू, विपिन सिंह, राकेश पाठक, अरविन्द मिश्रा, महेन्द्र वर्मा, रविन्द्र वर्मा, विजय प्रकाश चतुर्वेदी, गंजन बरनवाल, पी.एन.राम, विजय देवल, डा०अनूप श्रमिक, किशन आर्य, कृष्ण कांत द्विवेदी, अब्दूल शेख अंसारी, बिरेन्द्र चौरसिया, डा० आन्नद तिवारी, डा०एम.एम.वर्मा, डा०आलोक शुक्ला, अभिषेक नारायण सिंह, नीमाई चटर्जी, वी.सी.राय, मारकण्डेय सोनकर, शकील अहमद, राजेश त्रिपाठी, कल्पनाथ शर्मा, श्रीष मिश्रा, देवेन्द्र सिंह, मंगलेश सिंह, राकेश चन्द, मुनाजीर हुसैन मंजू, पवन मौर्या, अशोक चौरसिया, राजेश्वर सिंह पटेल, श्रीराम श्रृंगार पटेल, मिठाई लाल यादव, प्रभात वर्मा, अजय जयसवाल, राकेश,चंचल शर्मा, शमसुद्दीन अंसारी, अफसर खान, सुनिल राय, संतोष त्रिपाठी, राजू राम, पनारु राम, सतीश जयसवाल, माधव उपाध्याय, अजय सिंह गुड्डु, शुभम राय, धनवन्त्री द्विवेदी, देवी प्रसाद यादव सहित सैकडों कार्यकर्ता शामिल थे, पार्षद गण में अनीसुर्रहमान अंसारी, डा०अख्तर अली, गोविन्द शर्मा, साजिद अंसारी, दिवाकर मिश्रा, अरशद लड्डू उपस्थित थे।