अखिलेश सैनी
बलिया। उप्र प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के तत्वावधान में असमायोजित शिक्षामित्रों ने मानदेय वृद्धि करने की मांग को लेकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन शुरू कर दिया। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार मानदेय बढ़ाये या फिर परिवार समेत आत्मदाह की अनुमति दें।
वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों की पीड़ा नहीं समक्ष रही है। महज 3500 रुपया प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है, जबकि उन्हीं के समान कार्य करने वाले अध्यापक 35000 से 40 हजार रुपया वेतन ले रहे है। 3500 रुपया में परिवार तो दूर अपना खर्च भी चलाना मुश्किल है। कहा कि पांच साल पहले सपा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में सभी शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने का वादा किया था, लेकिन अभी भी प्रदेश में लगभग 30000 शिक्षामित्र बीटीसी प्रशिक्षण करके अध्यापक बनने की बांट जोह रहे है। इनका समायोजन तो दूर मानदेय भी नहीं बढ़ सका है। अनशन पर भरत यादव, अवधेश भारती, धर्मनाथ सिंह, भार्गव प्रसाद, सत्यप्रकाश चौहान, सुशीला वर्मा, गीता पाठक बैठे। विनय सिंह, पंकज सिंह, बृजेश सिंह, प्रवीणा सिंह, सुमन सिंह, पार्वती देवी, साहिदा खातून, डिंपल सिंह, सुनीता, माला यादव, शिवांती तिवारी, काशीनाथ यादव, जितेन्द्र कुमार राय, ज्ञान मिश्र, अरविन्द यादव मौजूद रहे। अनशन स्थल पर पहुंचे बीएसए डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि उन्होंने डायरेक्टर व जिलाधिकारी से बात कर वस्तु स्थिति से अवगत कराया है। शिक्षा मित्रों की मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जा रहा है।