वह खासतौर पर मजदूरों की बात सुनकर उनके विवाद का निस्तारण भी किया करते थे श्रमिकों के हितों की लड़ाई में कई बार जेल भी गए कहा कि वह कानपुर कार्टन मिल जो बाद में एल्गिन के नाम से जानी गई वहां काम करते थे वह प्रथम बार देखा कि एक मजदूर काम करते हुए जान चली गई और मिल में हड़कंप मच गया तब बाबू बदरे ने लाश को चौराहे पर रखकर सभी मजदूरों को लेकर मुआवजे की मांग की मिल मालिक मुआवजा देने में आनाकानी कर रहा था जिससे मिल मजदूर क्रोधित हो गए तत्पश्चात लाठीचार्ज उसके बाद मृतक श्रमिक के परिवारों को मुआवजा मिला सभा में मुख्य रुप से सुरेश गुप्ता इम्तियाज रसूल कुरेशी राजू ठाकुर नितिन गुप्ता प्रियंका दीक्षित संजना शर्मा राजीव अवस्थी आदि लोग उपस्थित थे
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