फारूख हुसैन. निघासन–खीरी।कुछ समय पहले जिले में तैनात रहे एक पुलिस अधीक्षक ने खुले शब्दों में कहा था कि जिस तरह से जिले भर से लोग रोज काफी संख्या में उनके पास फरियाद लेकर आ रहे हैं उससे यही पता चलता है कि थानों पर लोगों को इंसाफ नहीं मिल पा रहा है।इस बात में तब भी दम था और आज भी यह बात पूरी तरह से चरितार्थ होती दिख रही है।
अधिकांश थानों पर पीड़ितों को आज भी इंसाफ नहीं मिल पा रहा है।थाने में पीड़ित का प्रार्थनापत्र लेकर उसे टरका दिया जाता है और फिर पीड़ित थाने के चाहे जितने चक्कर लगाये अथवा तहसील दिवस में इंसाफ मांगने जाये उसे न्याय कहीं नहीं मिलता।
ताजा मामला निघासन कोतवाली अंतर्गत ग्राम दुर्गा पुरवा मजरा लुधौरी का है।करीब तीन सप्ताह पहले उक्त ग्राम निवासी हरिनाम सिंह पुत्र राम औतार का चार वर्षीय पुत्र शशांक अपने घर के बाहर खेल रहा था।तभी गाँव का ही एक युवक मोनू पुत्र छत्रपाल साईकिल से तेज रफ्तार से निकला और उसे जोरदार टक्कर मार दी।जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया और उसके कई दाँत टूट गए।साथ ही उसके मुँह से काफी खून भी बहने लगा।आरोप है कि इस पर जब हरिनाम ने मोनू व उसके पिता से अपने घायल पुत्र का इलाज कराने को कहा तो वह लोग मारपीट पर आमादा हो गए।इस पर पीड़ित हरिनाम ने उसी दिन कोतवाली में आकर एक प्रार्थनापत्र देकर अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए इलाज का पैसा दिलाने की गुहार लगायी।लेकिन पुलिस को न तो उस घायल मासूम पर तरस आया और न ही उसके बेबस बाप पर।सो पुलिस ने इस मामले में कुछ नहीं किया।पुलिस से उसे इंसाफ तो नहीं मिला उलटे इससे गुस्साए विपक्षियों ने उसे धमकाना शुरू कर दिया। पीड़ित हरिनाम ने किसी तरह इधर उधर उधार लेकर लखीमपुर में अपने घायल पुत्र का इलाज कराया।इसके बाद पीड़ित ने 14 दिसंबर को फिर से कोतवाली में प्रार्थनापत्र देकर इंसाफ की गुहार लगायी।लेकिन फिर भी पुलिस ने नहीं सुनी।पुलिस के रवैये से निराश होकर अब पीड़ित हरिनाम ने तहसील दिवस और जन शिकायत प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को प्रार्थनापत्र भेजकर इंसाफ दिलाने की गुहार लगायी है।