अम्बेडकरनगर। भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री द्वारा किये गये नोट बंदी के विफलता के विरोध में कलेक्टेªट परिसर में स्थित डा0 बीआर अम्बेडकर के प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया और सभा का आयोजन किया। सभा को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोट बंदी करते समय वादा किये थे कि जनता 50 दिनों के बाद अच्छा दिन देखेगी।
किन्तु 50 दिन बीतने के बाद भी आम जनता को बैंको के सामने लाइन लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है और न ही उसको आवश्यकतानुसार बैंक से धन भी मिल पा रहा है जिससे आम जनमानस का कारोबार, खेती और छोटे दुकानदारों का कारोबार थम गया है। असंगठित क्षेत्र के मजदूरो को काम नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण वो भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। 50 दिन पूरे होने के बाद प्रधानमंत्री स्वयं स्वीकार कर रहे है कि स्थिति सुधरने में अभी कुछ दिन और लगेगी। इससे स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री ने जनता से जो वादा किया था वो पूरा नही कर सके। इसकी नैतिक जिम्मेदारी ले और प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे और जनता से माफी मांगे। माले नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने देश के गरीबों, किसानों, के धन को कार्पोरेट घरानों के हित में लगाने के लिए नोट बंदी किया। प्रदर्शन का नेतृत्व माले प्रभारी देवव्रत सोनी ने किया। सभा को हीरालाल, सुशील कुमार, राधेश्याम वर्मा, कमला प्रसाद, मुनीर अहमद, इकबाल आदि ने संबोधित किया।