उस दौरान विधालय प्रांगण में आधा दर्जन पौधे भी रोपे गये। मेहंदी प्रतियोगिता में दो दर्जन छात्राओ ने शिक्षिकाओ व अतिथि के हाथो में मेंहदी रचाई। निर्णायक मंडल आधा दर्जन शिक्षिकाओ ने बारिकी से अवलोकन कर विजेता बच्चियों का चयन किया।मेहंदी प्रतियागिता के मुख्य अतिथि सुरभि पटेल ने कहा की छात्राओ को शिक्षा के साथ ही जिवन मे काम आने वाली सिलाई कढाई मेंहदी जैसी कला भी बेहतर ढंग से सिखनी चाहिये।खास कर इस तरह के प्रतियोगिता हो तो अवश्य भाग लेना चाहिए।ऐसे ही छात्राओ की छीपी प्रतिभा बाहर आती है और आत्म विश्वास भी बढता है जो जीवन में काम आता है।उन्होने कहा की छात्राए देश की भविष्य है इनके कंधे पर बडी जिम्मेदारी होती है।क्यों की आज की छात्रा बडी हो कर शादी व्याह के बंधन में बध जाती है तो शिक्षा व अन्य मेंहदी, सीलाई, कढाई आदि कला उनको शक्ति प्रदान करती है।उन्होंने कहा की चाहे बेटा हो या बेटी उसकी प्राथमिक शिक्षा माँ के गोद से ही शुरु होती है।ऐसे में महिला अशिक्षित है तो पूरे परिवार पर असर पडता है।उसी तरह आत्मनिर्भरता के लिए इस तरह के कलाओ में निपुणता बेहद महत्वपूर्ण भूमिका समय आने पर निभा सकता है।समय का मोल होता है।इसका सदुपयोग से चूकने वाले को जीवन भर सिर्फ पसतावा ही मिलता है। छात्राओ के लिए अभी पर्याप्त समय होता है अन्यथा बाद मे धर गृहस्थी में समय नही मिलता।मेंहदी प्रतियोगिता के महत्व पर कहा की मेहंदी हाथो में रचाना भी एक अदभूत कला है।आज यह एक अच्छा व्यवसाय का माध्यम भी है।जिसके अंदर मेंहदी रचाने की कला है उसकी हर जगह पूंछ रहती है।यह जीविकोपार्जन का अच्छा माध्यम भी साबित हो रहा है।पुरस्कार वितरण के बाद विधालय प्रांगण में पौधरोपण करते मुख्य अतिथि ने कहा की पर्यावरण को हरा भरा व संतुलित रखने के लिए पौधरोपण हर नागरिक की जिम्मेदारी है।पेड पौधे मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।ये हमे ऑक्सीजन देता है।उस दौरान छात्राओ को पौधरोपण के प्रति प्रेरित करते हुए सभी छात्राओ से अधिक से अधिक पौधरोपण व उसके संरक्षण का आह्वान किया।विधालय की प्रधानाचार्य निशात बेगम ने बताया की भदोही गल्र्स इंटर कालेज की कायनात बानो व नगमा बानो प्रथम, मदर हलीमा पब्लिक स्कूल की छात्रा शिफत अली व महविश फातिमा द्वितीय, ग्रीन व्यू पब्लिक स्कूल व फलाहे उम्मत गल्र्स डिग्री कालेज की छात्रा क्रमस तान्या मौर्य व् फलक नूर तृतीय स्थान पर रहे।जिसे मुख्य अतिथि के हाथो पुरस्कृत किया गया।इसके अलावा सभी प्रतिभागियो को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।प्रधानाचार्या ने कहा की प्रतिभाग में पिछडने वाली छात्राओ को निराश होने के बजाय आगे से और बेहर प्रदर्शन के प्रति इच्छा शक्ति व दृण संकल्पित होने की आवश्यकता है।सफला तय है।निर्णायक मंडल में शिक्षिका नीलम सिंह, मशर्रत परवीन, सीमा परवीन, नीतू सिंह, सालेहा परवीन, यासमीन अंसारी व अजरा सुल्ताना आदि रही।मुख्य रुप से प्रवीण सक्सेना, सितारा बानो, सालेहा परवीन, फरजाना फिरदौस, अजरा सुल्ताना, राविया बानो आदि रही।
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