राम मिलन यादव /अंजनी राय
जयप्रकाश नगर (बलिया) बाढ़ और कटान की विभीषिका झेल चुके बेघर हुए लोग अब कडाके की ठंड में प्रकृति की दोहरी मार झेलने को विवश है। प्रशासन से लेकर जनप्रति निधि तक इन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया है । इब्राहिमा बाद नौबरार (अठगावा) के करीब 400 बाशिंदों के रिहायसी आवास घाघरा में विलीन हो गये थे ।
उसमे से तहसील प्रशासन द्वारा लगभग 110 लोगो को मात्र पट्टा कर भूमि उपलब्ध करा दी ।लेकिन बाकी लोग आज तक ज्यो का त्यों बी एस टी बंधे पर शरण लिए हुए है ।प्रकृति की दोहरी मार झेल रहे इन लोगो को इस कडाके की ठंड में काफी दुश्वारिया झेलनी पड़ रही है । सहायता के नाम पर अन्त तक केवल आश्वासन ही मिला है ।तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद कटान पीडितो को आवास उपलब्ध नही कराया गया। ऐसे में कटान पीड़ित प्लास्टिक के तिरपाल व झोपड़ियो में रहकर इस कडाके की ठंड झेलने को विवस है ।
इब्राहिमा बाद नौबरार(अठ गावा )में 2010 -11 से अब तक एक हजार एकड़ कृषी योग्य भूमि घाघरा में विलीन हो गया। बाद में 2012 -13 में गाव कटान की चपेट में आ गया ।
प्रकृति की मार झेल रहे लोग कई बार प्रशासन व जन प्रतिनिधियों से सहायता की गुहार लगाई ।लेकिन सभी ने आश्वासन के अलावा कुछ नही दिया ।परीणाम स्वरूप इब्राहिमाबाद नौबरार पंचायत के तीन पुरवे नवका टोला ,छ्क्कू टोला ,बड़का सुफल टोला के अलावा रामेश्वर टोला का आंशिक हिस्सा घाघरा में विलीन हो गया । इस बावत उपजिलाधिकारी बैरिया अरविन्द कुमार ने बताया कि इब्राहिमाबाद नौबरार (अठगावा) के बी एस टी बंधे पर बसे कटान पीडितो का दर्द तहसील प्रशासन को एहसास हो रहा है। उनको किसी प्रकार की दिक्कत नही होने दी जायेगी। जल्द ही अलाव के साथ साथ उनको आवश्यकता के हिसाब से कम्बल वितरण किया जाएगा। ताकि ठंड और शीतलहर से इनकी सुरक्षा हो सके ।