गाजीपुर। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव द्वारा शनिवार को मुहम्मदाबाद सीट से सपा प्रत्याशी सिबगतुल्लाह अंसारी के नाम की घोषणा होते ही पूरे जिले में यह चर्चा जोरों पर थी कि अंसारी बंधु को मिल गयी हरी झंडी अब मैडम का क्या होगा? राजनैतिक पंडित यह मंथन करने में जुटे थे कि सपा मुहम्मदाबाद और जहूराबाद दोनों विधानसभाओं से क्या मुसलमान प्रत्याशी मैदान में उतारेगी या शादाब फातिमा को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करेगी।
पूर्व राज्य मंत्री शादाब फातिमा से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव काफी नाराज चल रहे है। इसी वजह से यह चर्चा काफी जोर पकड़ रही है कि किसी युवा को ही तरजीह दी जायेगी। जहूराबाद विधानसभा में आजादी के बाद सबसे ज्यादे विधायक राजपूत ही हुए हैं। हालांकि इस विधानसभा में सबसे ज्यादे मतदाता राजभर और हरिजन है। बसपा ने इस सीट पर कालीचरण राजभर को उतार कर इस दोनों बिरादरियों में सेंध लगायी है। वहीं भाजपा ने बैकवर्डो पर फारवर्डो का वोट चढ़ाने के लिए भाजपा-भासपा गठबंधन से ओमप्रकाश राजभर के नाम की चर्चा जोरों पर है। कामरेड सरजू पांडेय की कम्युनिस्ट मिजाज इस विधानसभा पर समाजवादी पार्टी ने राजपूत प्रत्याशी के लिए मंथन करना शुरु कर दिया है। जहूराबाद विधानसभा से तीन बार कांग्रेस से सुरेंद्र सिंह, एक बार विरेंद्र सिंह तथा कम्युनिस्ट पार्टी से एक बार जयराम सिंह विधायक रह चुके है। राजपूत प्रत्याशियों में डा. सानंद सिंह जो एक बार विधानसभा और एक बार विधान परिषद का चुनाव लड़े जिसमे उनको करारी हार का सामना करना पड़ा। इसलिए उनके नाम पर बहुत सरगर्मी नही है। दूसरा नाम कासिमाबाद के प्रथम ब्लाक प्रमुख स्व.सूर्यनारायण सिंह के पोते अनुराग सिंह का आता है। जिनके उपर राजसभा सदस्य नीरज शेखर का आर्शीवाद है। अनुराग सिंह पीजी कालेज के पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष तथा पूर्व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके है। अब देखना है कि समाजवादी पार्टी क्या निर्णय लेती है। टिकट बदलकर सवर्ण कार्ड खेलकर यादव, मुस्लिम तथा सवर्ण का समीकरण बनाकर इस चुनाव में जोरदार दस्तक देती है या पुन: शादाब फातिमा पर दांव लगाती है।