इमरान सागर.
तिलहर/शाहजहाॅपुरः– नगर को विकसित करने में सरकारी खजाने का कहाॅ प्रयोग किया गया है। कहाॅ विकास कराया गया है, उक्त सबालो के जबाब की तलाश अब नगर भर में चर्चा विषय बनती नजर आने लगी है। पालिका द्वारा हालांकि नगर भर में सरकारी खजाने से सौन्द्ररकरण कराया गया। नगर की चैड़ी सड़के, खूबसूरत चैराहे और शहीद पार्क जैसी कई स्मारक नगर सौन्द्रीकरण की दास्ताॅ खुद ही बंया कर रही हैं लेकिन उसके बाद भी नगर भर में चर्चा का विषय है कि आखिर नगर में विकास कहाॅ हैं।
कई पहलुओ पर गौर करने पर बात सही दिखाई पड़ सकती है कि नगर का सौन्द्रीकरण तो हुआ है लेकिन विकास के नाम पर जस का तस दिखाई दे रहा है। नगर मुख्यालय को ग्रामीण क्षेत्र से जोड़ने वाली सड़को का हाल शायद ही किसी से छिपा हो। नगर के दक्षिणी ग्रामीण क्षेत्र से जोड़ने वाली सड़क मात्र ईदगाह रोड अब भी बदहाली पर आॅसू बहाता नजर आता है तो वहीं पश्चिम मे हाईवे से जुडने वाली सड़क अपनी मरम्मत भी ठीक से नही करा पाई। बात अगर उत्तर दिशा की निगोही क्षेत्र से जुड़ने की आती है तो कहना मुश्किल है क्यूंकि रेलवे फाटक पार करते ही पालिका की जिम्मेदारी ही खत्म हो जाती है। नगर की सफाई व्यवस्था शायद ही किसी से छुपी हो क्यूंकि तमाम जागरूकता के बाद भी सड़को के किनारे खास कर धार्मिक स्थल परिसर ही कूडेदान बने नजर आ रहे है, क्यूंकि आज तक पालिका प्रशासन नगर के कचरे की जमाखोरी का कोई बन्दोबस्त नही कर पाया जिसके चलते नगर भर का कचरा खाली प्लाटो और बडे खाली स्थानो का मौहताज हो कर रह गया। हालांकि नगर की बदहाल व्यवस्था का जिम्मेदार पूणत्या पालिका प्रशासन को दोषी नही ठहराया जा सकता। नाला निर्माणो में लापरवाही बरतने के कारण वे समय से पहले ही टूटते नजर आ रहे हैं यह वात भी किसी से शायद ही छिपी हो लेकिन वाह वाही के हवाई फायरो में सब कुछ दब कर रह गया जान पड़ता है। नगर के लगभग 54 मोहल्लो की समीक्षा की जाये तो निवर्तमान बडे बाबू की 15 अगस्त के मौके पर कहीं एक बात जरूर याद आती है कि नगर में इतना विकास हो गया कि अब तो लोगो से पूछा जा रहा है कि बताओं कौन सी सड़क की मरम्म्त और निर्माण होना है, समस्या नगर के किस हिस्से में है।
नगर को विकास के पथ पर ले जाने वाली तमाम योजनाये जिनमें पीरगैब तालाब, नगर के बीच महिला औद्योगिक संस्थान, नगर भर की नालियो के गन्दे पानी को नगर से बाहर निकालने वाले नाले बनवा तो दिये गये लेकिन उस पर से छोटे से छोटा अतिक्रमण भी प्रशासन द्वारा हटाने की हिम्मत नजर नही आती। उम्मरपुर क्षेत्र का गन्दा पानी नगर के बाहर निकालने के लिये कराया गया नाला निर्माण मौके पर पालिका प्रशासन की पोल खोलता नजर आता है परन्तु यह अलग बात है कि हवाई विकास के चलते जनमानस की बात को दबा दिया जाये। नगर के मोहल्ला मौजमपुर स्थित लगभग बीस वर्ष पुराना दसवां घर क्षेत्र आज पूर्ण रूप से नगर का कचरा घर नजर आ रहा है। पालिका प्रशासन की लापरवाही के चलते भारत सरकार की निर्मल भारत स्वच्छता अभियान को परिस्थितियां पूरी तरह ठेगा दिखाती नजर रही हैं। सौन्द्रीकरण एंव विकास एक ही सिक्के के दो पहलू हो सकते हैं लेकिन जब विकास ही नही तो सौन्द्रीकरण का औचित्य ही क्या। सूत्रो से मिल रहे आकंड़ो के अनुसार नगर में जिस जिस विकास की जरूरत थी उसके लिये पिछले लगभग एक दशक से नगरवासी तरस रहे हैं परन्तु सौन्द्रीकरण के छाव में विकास को छिपाया नही जा सकता क्यूंकि आने वाने समय की मांग किस स्तर पर बढ़ जाये यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन पालिका प्रशासन को एक वार गंभीरता से इस विचार करना होगा और समय रहते नगर को विकास की ओर बढ़ाने का प्रयास करना होगा।