समाजवादी कुनबे में मचे घमासान में नाटकीय मोड़ आ गया है। पार्टी से सीएम अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव के निष्कासन को रद्द कर दिया गया है। एसपी नेता शिवपाल यादव ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है, वहीं सूत्र बता रहे हैं कि विधायकों के अप्रत्याशित समर्थन से गदगद अखिलेश खेमा आगे की सुलह के लिए अमर सिंह के निष्कासन पर अड़ गया है। अखिलेश समर्थक चाहते हैं कि अमर सिंह को पार्टी से बाहर किया जाए, साथ ही अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर विचार हो। मुलायम को अखिलेश खेमा संरक्षक की भूमिका में देखना चाहता है।
बताया जा रहा है कि शनिवार को आजम खान पहले मुलायम से मिले और फिर अखिलेश से मिलने गए। इसके बाद अखिलेश विधायकों के साथ चल रही बैठक बीच में छोड़कर आजम खान के साथ मुलायम से मुलाकात करने पहुंचे। बाद में मुलायम ने शिवपाल यादव को भी अपने आवास पर बुला लिया। यह बैठक करीब एक घंटे चली जिसके बाद अखिलेश वापस अपने आवास 5 कालीदास मार्ग पहुंच गए। शिवपाल भी बैठक के बाद वहां से निकल गए। बैठक के बाद शिवपाल ने ट्वीट कर बताया, नेताजी के आदेश अनुसार अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का पार्टी से निष्कासन तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है। सब साथ मिलकर सांप्रदायिक ताकतों से लड़ेंगे और पुनः उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।’ सूत्र बता रहे हैं कि मुलाकात में अखिलेश ने मुलायम को 207 विधायकों की लिस्ट सौंपी है जो उनके समर्थन में हैं। अखिलेश ने मुलायम के सामने अपनी सभी शर्तें रख दी हैं। अखिलेश खेमे की पहली शर्त यह है कि अमर सिंह को पार्टी से बाहर किया जाए। बताया जा रहा है कि इस शर्त को मनवाए बिना अखिलेश खेमा किसी तरह सुलह के लिए राजी नहीं है। इसके अलावा अखिलेश खेमा चाहता है कि अखिलेश को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए और मुलायम पार्टी के संरक्षक की भूमिका में रहें।
सुलह के फॉर्म्युले में रविवार को रामगोपाल यादव की ओर से बुलाए गए आपातकालीन सम्मेलन को रद्द किए जाने की बात भी शामिल है। शिवपाल ने भी कहा कि रविवार को कोई सम्मेलन नहीं होगा, पर अखिलेश खेमा सम्मेलन करने की बात पर अड़ा हुआ है।