अनंत कुशवाहा
अम्बेडकरनगर। मातृ पितृ भक्ति के प्रतीक श्रवण क्षेत्र निर्माण स्थली का पांच दिवसीय मेला जिला प्रशासन की तमाम अव्यवस्थाओं के बीच से शुरू हो गया है। मेला में अव्यवस्था का आलम यह है कि शासन प्रशासन जहां जनता की तमाम सुविधा का अलाप गाता है। वहीं पर मेला परिसर में न तो घाटो की साफ-सफाई की व्यवस्था की गयी है और इस पड़ रहे भीषण कोहरे व ठंड के कारण आम आदमी में त्राहि-त्राहि मची है। वहीं पर मेला क्षेत्र में अलाव व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं है।
मेला परिसर में हफ्तो पहले सर्कस, थियेटर तथा लकड़ी व लोहे के सामनो के दुकानदार अपनी दुकान लगा दिये है। किन्तु रात में प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है। इन आये दुकानदारों को रात्रि में सुरक्षा नाम की कोई चीज नहीं है। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर चैकीपर तैनात चैकी इंचार्ज हरिशंकर सिंह व एक सिपाही के भरोसे पूरा मेला परिसर है। चैकी इंचार्ज ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए हमने जिले के वरिष्ठ अधिकारी को लिखित दे दिया है। मेला क्षेत्र में पहुंचने के लिए अन्नावां से श्रवण क्षेत्र तक की सड़क दशा इतनी खराब है कि जगह-जगह बड़े-बड़े जानलेवा गड्ढे हो गये है जिसकी प्रशासन व संबंधित विभाग की तरफ से कहीं-कहीं मिट्टी गिराई गयी है परंतु समतल तक नहीं किया गया है। मेले में पैदल आने वालो के लिए और समस्या बढ़ गयी है। संगम पर ग्राम पंचायत की तरफ बनाया गया कच्चा पुल मेला शुरू होने से पहले दल-दल हो चुका है। मेला क्षेत्र में मेलार्थियों के आवागमन का रास्तो का बुरा हाल है। मड़हा तथा विसुही नदी पर बने दोनो पुलो के सामने केवल मिट्टी गिराकर व्यवस्था इतिश्री कर दिया गया है। शासन प्रशासन की उपेक्षा के कारण मेले में आये दुकानदार व मेलार्थी राम भरोसे रात बिताने को मजबूर है। वहीं पर मिझौड़ा चीनी मिल से निकला गंदा पानी नदी के पानी को प्रदूषित कर दिया है। जबकि श्रद्धालु इसी नदी से स्नान ध्यान करके पूजा पाठ करते है। इस पर प्रशासन का कोई ध्यान नही है। जबकि मेला पांच दिन चलेगा।