नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री द्वारा मांगे गए 50 दिन पूरे होने पर आज स्थानीय कांग्रेसजनों द्वारा इस मुद्दे पर चलाये जा रहे सवाल-सत्याग्रह की 19 वें दिन की सत्याग्रह-सभा को बौलिया में संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि, मुम्बई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं अ. भा.कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता संजय निरूपम ने मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी इस वक़्त हिटलरशाही कर रहे, आज नोट बंदी को लेकर आम जनता रो रही और कितने परिवारों की शादी टूट गयी लेकिन इस सरकार को आम जनता के दुख दर्द से कोई लेना देना नहीं है,
नोटबंदी एक राष्ट्रीय हादसा है,जिसने देश में लंबे समय की मेहनत से स्थापित मजबूत अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया, जिससे उबरने में वर्षों लगेंगे, एक पूर्ण अपरिपक्व,मूर्खतापूर्ण,एकतरफा और हड़बड़ीभरे गलत फैसले के हर खामियाजे को लोगों ने प्रधानमंत्री की मांग पर पचास दिन सहा,किंतु तबाही के जस के तस हालात को अब देश और बर्दाश्त नहीं कर सकता, उन्होंने नोटबंदी के कुपरिणामों के खिलाफ वाराणसी में बीस दिनों के सवाल-सत्याग्रह के संयोजक शैलेन्द्र सिंह एवं स्थानीय कांग्रेसजनों की प्रशंसा के साथ कहाकि इस निर्णय को लेकर हमने जितनी आशंकायें जतायी थीं,वे सब सच साबित हुईं, प्रधानमंत्री द्वारा खुद निर्धारित समय अवधि के आखिरी दिन आज कांग्रेस खुले एलान के आरोप करती है कि नोटबंदी पूरी तरह विफल फैसला साबित रहा है। आयकर वालों के अनुसार कुल 4200 करोड़ का कालाधन पकड़ा गया,जिसमें सब नगदी नहीं है और वैकल्पिक केरेन्सी की छपाई का ही खर्चा 24 हजार करोड़ है तो मिला क्या? कालाधन हांथ नहीं आया और कैवल नवंबर महीने की ए.सी.बी. महाराष्ट्र की रिपोर्ट है कि घूस का भ्रष्टाचार 30% बढ़ गया, नकली नोट एटीएम तक से निकले, दूसरी ओर किसान तबाह हो गया,लघु उद्योगों में ताले लगे,लाखों नौकरियों वाले नौजवान बेकार हुए,मजदूरों की चट्टियां तक काम नहीं मिलने से सूनी हो गईं,लाइनों में सारा देश जहां खड़ा रहा और सौ से कहीं ज्यादा नोटबंदी के हादसे में मर गये, रूपम ने कहाकि आज भी खुद के पैसे खर्चने पर बंदिशें हैं,वहीं देश के लोगों का अपनी मुद्रा और बैंकिंग पर भरोसा टूट गया। इन्दिरा गांधी ने देश की बैंकिंग में एक जनविश्वास बनाया था जिससे 2008 की वैश्विक मंदी में भी भारतीय अर्थव्यवस्था अडिग रही, लेकिन आज 30दिसंबर के बाद भी बैंक से निकासी की सीमा इसलिए जारी रखने की सलाह दी गई है कि यदि छूट दी गई तो अपने बैंकों पर टूटे विश्वास के कारण लोगों के झटके से अपने सारे पैसे बैंकों के खातों से निकाल लेने का अंदेशा खड़ा हो गया है,
सत्याग्रह-सभा को संबोधित करने वालों में शामिल थे, अजय राय- विधायक, प्रो.सतीश राय, प्रजानाथ शर्मा, सीताराम केसरी, अनिल श्रीवास्तव, प्रो.अनिल उपाध्याय, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, बैजनाथ सिंह, विजय शंकर मेहता, डा.आनंद तिवारी, राकेश पाठक, राजेश्वर पटेल, जितेंद्र सेठ, वी. सी.राय, त्रिभुवन पाण्डेय, हरीश मिश्रा, विकाश धर दूबे, हर्षवर्धन सिंह, आन्नद सिंह रिन्कू, नितेश सिंह, राहुल राज, शुभम राय, विजय प्रकाश चतुर्वेदी, विजय देवल, पुनम कुन्डू, देव नन्दन सिंह, कमल पंडित, अरविन्द किशोर राय, सुनिल श्रीवास्तव, चंचल शर्मा, नागेन्द्र पाठक, विशाल सिंह, वकील अंसारी, रहीश अहमद, वी.सी.राय, मार्कण्डेय सोनकर, रविद्र वर्मा, दिनेश सिंह बब्बु, मुन्ना तिवारी, सत्य प्रकाश तिवारी, राज सिंह, गोलु सिंह, डा.अनूप श्रमिक, आशीष केसरी, मनोज वर्मा मनु, राहुल सैनी, पार्षद शाजिद अंसारी, पार्षद प्रिंस राय खगोलन, विश्वनाथ कुवंर आदि स्वागत शैलेंद्र सिंह ने किया, संयोजन राकेश चन्द्र, मिठाई लाल यादव, अजय सिंह गुड्डू ने किया, संचालन प्रमोद श्रीवास्तव ने किया, धन्यवाद मिठाई लाल यादव ने किया।