दागी हो रहा है बन्थरा रोहिलखण्ड अस्पताल।
इमरान सागर
तिलहर,शाहजहाॅपुर :- पेट दर्द का ईलाज कराने गई महिला मरीज ने डाक्टरो द्वारा अचानक आॅपरेशन कर किडनी निकाल बेच देने की शंका का दाग लगा कर रोहिलखण्ड पर आरोप लगाया। डाक्टर ने आॅपरेशन में काटी किटनी की नसे तो महिला की हालत हुई गंभीर। घबराहट में डाक्टरो ने रात्रि में पीड़ित महिला मरीज को पति सहित अस्पताल के बाहर निकलवा दिया। बरेली और शाहजहाॅपुर के जिला अस्पताल में ईलाज करा रही महिला द्वारा रोहिलखण्ड की करतूतो की शिकायत कोतवाली पुलिस ने भी सुनी बल्कि उसे धमका कर भगा दिया।
तहसील क्षेत्र के गांव गढ़ा निवासी जदुवीर सिंह ने बन्थरा स्थित रोहिलखण्ड अस्पताल के डाक्टर के0 पी0 सिंह सहित स्थानीय पुलिस पर आरोप लगाया कि किस प्रकार से उसकी पत्निी को मोहरा बना कर उसका उत्पीड़न किया जा रहा है। सूचना पर पहुंची मीडिया टीम को अपना दर्द बैंया करते हुये गांववालो के सामने गिड़गिड़ाते हुये बताया कि पीड़ित महिला मरीज के पति जदुबीर सिंह ने बताया कि उसकी पत्नि गीता देवी के पेट में दर्द की शिकयत हुई जिसका ईलाज कराने वह उसे 15 सितम्बर 2016 को बन्थरा के रोहिलखण्ड अस्पताल ले गया जहाॅ पर्चा बनबाने के बाद डा0 के0 पी0 सिहं को दिखाया। डाक्टर के अनुसार गीता दबाई से ठीक हो जायेगी पर सन्तुष्टि हो गई और लगभग दो माह का लम्बा ईलाज चला परन्तु एक दिन डाक्टर ने अचानक बताया कि गीता का आॅपरेशन करना पड़ेगा। आॅपरेशन करने हेतु डाक्टरो ने गीता को सात नवम्बर को एडमिड कर लिया और आठ तारीख को पूरे दिन समस्त जांचो का नाटक रचने के बाद नौ तारीख को बन्थरा के रोहिलखण्ड अस्पताल में डाक्टरो द्वारा गीता का आॅपरेशन कर दिया गया। आॅरेशन के आठ दिन तक गीता को युरिन पास नही हुआ और प्रतिदिन हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ती गई। इस बीच डाक्टररो और स्टाफ ने जदुबीर को अपनी पत्नि से भी मिलने नही दिया। शीशे में अपनी पत्नि का ईशारा देख और मौका पाते ह ीवह उसके पास पहुंचा और अपनी पत्नि की हालत देख घबरा गया तब जदुबीर ने डाक्टरो से काफी बहस की। बहस करने पर मरीज गीता को डाक्टर देखने आया और देखते ही डाक्टर के भी होश खराब हो गये क्यूंकि उसकी हालत काफी नाजुक स्थिति में पहुंच रही थी। हाल ही में निर्माण हुआ और दिन दूनी रात चैगनी तरक्की पर चल रहा नामचीन रोहिलखण्ड अस्पताल में एडमिड महिला मरीज की आॅपरेशन के बाद हुई गंभीर हालत को देख कर डा0 के0पी0 गुप्ता के हाथ पांव फूल गये और वे वहाॅ से निकल गये परन्तु स्टाफ ने दर्द से तड़पती महिला मरीज गीता को अस्पताल से बाहर निकाल का डाल दिया। रात के समय अपनी पत्नि की गंभीर हालत और रोहिलखण्ड स्टाफ का रबैया देख जदुबीर सिंह को गश आने लगा और वह वहीं गिर कर बेहोश हो गया। गीता की तीमादारी में मौजूद ननद शकुन्तला एंव भतीजा रायबीर की अन्य मरीजो के तीमादारो की मदद से मरीज गीता और बिगड़ती हालत में उसके पति को एम्बूलेंस द्वारा बरेली रबाना कर दिया गया।
महिला मरीज के पति जदुबीर सिंह ने आगे रो रो कर बताया कि बरेली में आॅपरेशन कर डाक्टरो ने मेरी पत्नि गीता को पेशाब कराने कराने का डायरेक्ट रास्ता बनाया बरना कुछ और देर हो जाती तो वह मर जाती। लगभग तीन मांह से बन्थरा के रोहिलखण्ड के बाद बरेली और जनपद के जिला अस्पताल में उसका लगातार ईलाज कराया जा रहा है जिसके कारण वह कई लाख के नीचे आ गया परन्तु उसकी पत्नि को आराम नही मिल पा रहा है। उसने आरोप लगाया कि रोहिलखण्ड से निकलने के बाद बरेली और जिला अस्पताल के डाक्टरो ने उसे बताया कि गीता की किटनी निकालने के प्रोग्राम से उसका आॅपरेशन किया गया था जबकि उसकी बच्चेदानी में मात्र एक छोटी सी गाठ थी। जदुबीर ने बताया कि दुरबीन विधि से आॅपरेशन की बात की थी रोहिलखण्ड में लेकिन मेरी पत्नि का पूरा पेट चीर दिया गया।
संवाददाता द्वारा पीड़ित महिला मरीज गीता से जानकारी लेने पर उसने रूक रूक कर बोलते हुये बताया कि आॅपरेशन के दौरान रोहिलखण्ड में मेरे साथ बुरा रबैया प्रयोग किया गया मेरे गुर्दे से पेशाब की नली काट दी गई और बोरे की तरह सिल दिया गया। लगातार ईलाज होने के बाद भी ठीक नही हो पा रही हॅू। उसने कहा कि रोहिलखण्ड अस्पताल का सिर्फ नाम बड़ा है लेकिन यह अस्पताल नही मुझे डर है कि मेरी किडनी निकालने का प्लान बनाया था डाक्टर ने लेकिन वह सफल नही हो सके तो उन्होन मेरे गुर्दे की नलिया काट दी। अपनी पत्नि की समस्या से आहत हुआ जदुबीर सिंह समय निकाल कर जब कोतवाली तिलहर पुहंचा शिकायत लेकर तो स्थानीय पुलिस ने रोहिलखण्ड का नाम सुनते ही उसे फटकार कर कोतवाली गेट से बाहर खदेड़ दिया। गौर तलब हो कि प्रदेश की 100 डायल आरंभ होने के बाद कोतवाली में प्रथामिकी दर्ज होने का चलन तो खत्म होने के कंगार पर बनाया जा रहा है लेकिन उसी के साथ गंभीर प्रकरणो में भी पुलिस का सुनवाई रबैया बदलता जा रहा है जिसके चलते एक बार फिर मित्र पुलिस पर प्रश्न चिन्ह लगता नजर आ रहा है। वहीं नित नई तरक्की की उड़ान छू रहा हाईवे 24 स्थित ग्राम बन्थरा में नवनिर्माण राहिलखण्ड अस्पताल अपने शुरूआती दौर में आने वाले मरीजो की भीड़ को सभंलने में जितना कृतव्यनिष्ठ दिखाई पड़ता रहा तो वहीं आज मरीज न होने से परिसर में नजर आने वाली बीरानी सी कुछ और ही बैंया करने का इशारा करती है।
सूत्र बताते हैं कि बन्थरा रोहिलखण्ड अस्पताल एंव उसका विभाग वरूण अर्जुन मेडिकल कालेज जनता की सेवा के लिये एक टरस्ट के रूप में सामने आया जबकि बरूण अर्जुन मेडिकल कालेज का उद्धघाटन प्रदेश के मुख्यमत्री ने उसकी अच्छी सेवाओं के चलते किया लेकिन आज डाक्टरो के मनमाने और हठधर्मी रबैये के कारण रोहिलखण्ड दागी होता नजर आ रहा है।