आवास से लम्बी दूरी पर बने मतदान स्थल पर उम्र के आखिरी पड़ाव में चल रहे बुजुर्ग औऱ शरीर से बेहद कमजोर ही नही बल्कि हाथ पैरो से लाचार व्यक्ति अपने मताधिकार का कैसे प्रयोग कर सकेगा, क्यूंकि मतदान के दिन पूरे समय प्रशासनिक आदेश के चलते जहाँ नगर के बाजारो में सन्नाटा रहता है तो वही वाहनो पर ही नही बल्कि रिक्शा और टैम्पो चलाना भी पूर्णत्या वर्जित कर दिया जाता है!
भारत सरकार द्वारा मताधिकार जागरुकता के चलते नागरिक अपने मत का प्रयोग करने का पूरा मन रखता है! 18 वर्ष की आयु वाला नौजबान हो या फिर सौ वर्ष का बुजुर्ग, हाथ पौरो से लाचार हो या बीमारो में महिला और पुरुष दोनो ही वर्ग चुनाव के दौरान अपने का प्रयोग करने का जज्बा रखते दिखाई पड़ते है परन्तु यह उस दिन गुब्बारे से निकलती हवा की तरह खत्म होता नज़र आता है जिस दिन मतदान होता है क्यूंकि उस दिन प्रशासनिक आदेश के चलते हाईवे को छोड़ चौपहिया वाहनो पर ही नही बल्कि मोटर साईकिल, साईकिल, रिक्शा, ऑटो आदि चलाने पर पूरी तरह मनाही होती है! लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर बनाए गये पोलिंग बूथो पर लाचार,कमजोर और बीमार व्यक्तियों का पहुंचना नामुमकिन सा होने के कारण वोटो का प्रतिशत अक्सर कम होता जाता है! युवा वोटर द्वारा वोटो के प्रतिशत का बढ़ना मान भी ले तो फिर यह भी मानने से इंकार नही कि बुजुर्गो की अब जरुरत ही खत्म होती जा रही है!
विगत के दशको में मतदान के समय प्रत्याशियों की ओर से वोटरो को पोलिंग बूथो तक पहुंचने के लिए कमसे कम सबारी सुविधाएें जरूर दी जाती रही परन्तु वे सब वोटरो को लुभाबनी मानते हुए आयोग ने पूर्णत्या प्रतिबंधित कर दी यह अच्छी पहल रही लेकिन वोटरो की समस्या पर एक वार भी ध्यान नही दिया गया कि वह अपने मत का प्रयोग करने पोलिंग बूथ तक कैसे पहुंचे जबकि लगातार मतदाता को जगरूक कर वोट डालने की हर संभव अपील की जाती रही है!
सबाल यह नही कि मत किसे दिया जाए सबाल यह है कि मत कैसे दिया जाए! पोलिंग बूथो पर प्राया देखने में आया है कि बुजुर्गो,बीमारो एंव कमजोर तथा विकलांग व्यक्तियो को गोद में उठा कर लाया गया उनके मत का प्रयोग कराने के लिए हालाकि उनकी ही तमन्ना रही कि वे अपने वोट का प्रयोग जरूर करेगे। मत प्रयोग से देश बदलेगा जैसी जागरुकता के चलते घरो से दूरी पर बने पोलिंग बूथो पर उक्त वर्ग के वोटरो के पहुंचने के लिए चुनाव आयोग द्वारा प्रशासन से स्पेशल इन्तजाम जरूर होने चाहिए ताकि वे वोटर भी अपना वोट डाल सके जिनमें पैदल चलने की हिम्मत नही और वे सिर्फ मोटर साईकिल ,रिक्शा चालक के बिना अपने वोट का प्रयोग करने वंचित रह जाते हैं।