मो आफताब फ़ारूक़ी
इलाहाबाद। मानवता को तार-तार करने वाला एक फिर एसआरएन अस्पताल के जूनियर डाक्टर की करतूत सामने आयी। लापरवाही के चलते पांच घंटे बाद गर्मपानी से झुलसी मासूम बच्ची को एसआरएन चौकी प्रभारी के हस्ताक्षेप के बाद भर्ती किया गया।
लाख दावा करते हो मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य मै अपने छात्र-छात्राओं को मानवता का पाठ पढ़ा रहे है। लेकिन कुछ ऐसे मेडिकल छात्र है जो मानवीय मूल्यो को किनारे करके गरीब व बेसहरों को परेशान करने में नहीं चूकते है। ऐसा ही मामला मंगलवार को प्रकाश में आया। अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक के हस्ताक्षेप के बाद मासूम बच्ची का उपचार किसी तरह शुरू किया गया।
बतादें कि जिले के सराय इनायत थाना क्षेत्र के देवरिया गांव के रहने वाले इन्द्र बहादुर पेशे से होमियों पैथ के चिकित्सक है। उनकी डेढ़ माह की मासूम बच्ची भावना मंगलवार की सुबह गर्मपानी से झुलस गयी। वह उसे तत्काल उपचार के लिए बाल चिकित्सालय सरोजनी नायडू पहुंचे। जहां से चिकित्सकों ने बच्ची का प्राथमिक उपचार करने के बाद, स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय भेज दिया। मासूम बच्ची को लेकर दम्पत्ति स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय पहुंचे। जहां पर्चादेकर बच्ची के लिए दवा लिख दी गयी और लगभग दो हजार रूपये की दवा भी मंगा ली गयी। लेकिन ड्यूट पर मौजूद जूनियर डाक्टर ने दम्पत्ति से कहा कि इस बच्ची को यहां से ले जाओं यह नहीं बच पायेगी। इसी किसी प्राइवेट अस्पताल ले जाओं। थकहर कर परिजन पुलिस चौकी पर पहुंचे और शिकायत किया। चौकी प्रभारी जब वार्ड में पहुंचे तो एक पुलिस अधिकारी से वहां मौजूद जूनियर डाक्टरों ने बहुत ही निरश भरी बतों की और बच्ची को कहीं पर लिटाने के लिए कहा। यह भी कहा कि बच्ची को यहां बहुत गंदगी और इन्फेक्शन है इसका उपचार यहां नहीं हो पायेगा। जबकि बच्ची महेज तीस प्रतिशत जख्मी है। मामले की जानकारी चौकी प्रभारी ने अस्पताल में प्रमुख चिकित्साधिक्षक को बताया और परिजनों को लेकर उनके पास गये। वहां मौजूद चिकित्सक ने कहा कि आप की मदत हम कर दे रहे है। लेकिन अस्पताल में दवा नहीं मिल पायेगी। दवा आप को बाहर से खरीदकर लाना पड़ेगा। हालांकि किसी तरह बच्ची को भर्ती कर लिया गया।