जावेद अंसारी
वाराणसी. इस प्रकरण में डॉ राहत इन्दौरी का एक शेर ध्यान में गूंज रहा है. शेर कुछ इस प्रकार है कि – ना हार अपनी न अपनी जीत होगी, मगर सिक्का उछाला जा रहा है. हम ही बुनियाद के पत्थर है लेकिन, हमें घर से निकाला जा रहा है. शेर इस घटना पर बिलकुल सटीक बैठता है कि हम ही बुनियाद के पत्थर है लेकिन हमें ही घर से निकाला जा रहा है. हुआ कुछ यु कि शहर के इंग्लिशिया लाइन क्षेत्र में एस. 29/54-55 स्थित धनेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण मे स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा चोरी हो गई. सोचनीय विषय है कि भगवान के घर में भी चोरी और वो भी उस प्रतिमा की जो राष्ट्रपिता की हो.
खैर मामले ने तुल पकड़ा और प्रकरण में आज कांग्रेसजन ने धरना- सत्याग्रह के माध्यम से जबर्दस्त विरोध प्रकट किया। धरने के बाद कांग्रेसजनों द्वारा चक्काजाम के अल्टीमेटम को देखते हुए सिगरा थानाध्यक्ष ने धरना स्थल पहुंच कर यह आश्वासन देते हुए धरना समाप्त करने की अपील की कि इस घटना के दोषियों की न केवल तेजी से धर-पकड़ के साथ कड़ी कार्रवाई होगी बल्कि उस स्थान पर प्रशासन बापू की प्रतिमा स्थापित करायेगा, जहां से प्रतिमा चोरी हुई है।
कांग्रेस नेता तथा छावनी बोर्ड पार्षद व पूर्व उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह की सूचना पर बापू की प्रतिमा चोरी और उसके विरूद्ध धरने की खबर पर कांग्रेसजन आज इंगलिसिया लाइन में जुट गये। पहले धरना सत्याग्रह और उसके बाद चक्काजाम की योजना की जानकारी पर सिगरा थानाध्यक्ष सदल बल पहुंचे और बापू की प्रतिमा चोरी को एक बेहद संगीन घटना मानते हुए शीघ्र कार्रवाई और प्रशासन की ओर से प्रतिमा स्थापित किये जाने की घोषणा करते हुए धरना स्थगन की अपील की। उनके आश्वासन के बाद उन्हें अपेक्षित समय देने के लिए धरने को स्थगित किया गया।
धरना-सत्याग्रह में शैलेन्द्र सिंह, हरीश मिश्रा, भगवान सिंह, प्रमोद श्रीवास्तव, राजू पाल, डा०जितेन्द्र सेठ, अजय सिंह गुड्डू, विजय देवल, शुभम राय, ज्ञान प्रताप सिंह डिम्पल, वी.सी.राय. प.कमल तिवारी, अमरुल्ला खांन, अफसर खान, रविन्द्र वर्मा, लकी गुप्ता, सदानन्द तिवारी, संतोष सेठ, दिनेश सिंह बब्बु, राजपति यादव, मार्कण्डेय सोनकर, देवनंदन सिंह, सुभाष सिंह, कृष्णा सिंह, अनिल निगम, हजारी प्रसाद निगम, श्याम बाबु, मुन्ना तिवारी, राजकुमार निगम, राकेश निगम, सुबाष राम, अशोक सिंह, राम बाबु, कलीम भाई सहित सैकडों कांग्रेस जन उपस्थित थे।