सैफ की पारिवारिक पृष्ठभामि एवं युवा नेतृत्व की तलाश में जहाँ अल्पसंख्यक वोटरों सहित सभी वर्गों का सहयोग मिलने की तमाम उम्मीदों के साथ मतदाता उन्हें जिताऊ उम्मीदवार मान रहे हैं तो वहीं बसपा की ओर झुकाव वाले अल्पसंख्यक मतदाताओं का रुझान भी उनकी तरफ बढने के प्रयास लगाये जा रहे हैं जो कि कहीं न कहीं बसपा प्रत्याशी के वोट प्रतिशत के लिये घातक साबित हो सकते हैं हालाँकि अनीता यादव का टिकट कटने से नाराज समर्थक कांग्रेस भाजपा या बसपा में से किसकी नइया पार लगाने में सहायक बनेंगे यह भी बनते बिगडते समीकरणों पर भविष्य के गर्भ में ही छिपा है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से टिकट के दावेदारों में से एक प्रमुख दावेदार के बगावती तेवरों से सहमें भाजपा नेताओं को भी मामला मैनेज करने में काफी मशक्कत करनी पड रही है तो वहीं कुछ अन्य नेताओं के भी बागी होने का भय सता रहा है हालाँकि चुनावी जानकार सैफ के आने से भाजपा प्रत्याशी को लाभ लिने की सम्भावनाओं पर भी एक राय दिख रही है।
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