भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चुनाव समिति में दूसरे दलों से पार्टी में आए नेताओं को तो जगह दे दी है लेकिन सीएम पद के बड़े दावेदार योगी आदित्यनाथ को स्थान नहीं मिला है। इससे भी दिलचस्प बात यह है कि गोरखपुर में उनके
‘विरोधी गुट’ के लोगों को जगह दी गई है। समिति में पूर्वांचल के बड़े नाम सांसद योगी को इसमें जगह न देना कई अटकलों को जन्म दे रहा है। जब-जब योगी को पार्टी में तवज्जो नहीं मिली उन्होंने पार्टी के खिलाफ खुलेआम आवाज उठाई।
राज्य सभा सांसद शिव प्रकाश शुक्ल से कभी योगी का छत्तीस का आंकड़ा रहा है। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर सीट से योगी ने भाजपा प्रत्याशी शिव प्रताप शुक्ल के खिलाफ अपने खास व्यक्ति राधा मोहन दास अग्रवाल को हिंदू महासभा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारा था। योगी का वहां प्रभाव इतना है कि अग्रवाल चुनाव जीत गए और शुक्ला को तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा। जबकि शुक्ला यूपी में कैबिनेट मंत्री रह चुके थे।
गोरखपुर के ही रहने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापतिराम त्रिपाठी को भी समिति में जगह दी गई है। प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने जो 27सदस्यीय प्रदेश चुनाव समिति बनाई है उसमें केशव प्रसाद मौर्य के अलावा केंदीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, प्रदेश प्रभारी ओम प्रकाश माथुर, केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र और उमा भारती को जगह मिली है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. दिनेश शर्मा, अरूण सिंह, डॉ. महेंद्र सिंह, सुनील बंसल, ओम प्रकाश सिंह, विनय कटियार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही, लक्ष्मीकान्त बाजपेयी, सुरेश खन्ना,सुनील ओझा, वीरेन्द्र खटिक, रमेश बिधूड़ी, रामेश्वर चैरसिया, स्वतंत्रदेव सिंह, स्वाती सिंह, सलिल विश्नोई और पूर्व मंत्री रमाशंकर कठेरिया को भी जगह दी गई है। दूसरे दलों से पार्टी में आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य, रीता बहुगुणा जोशी और ब्रजेश पाठक को भी उत्तर प्रदेश की चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया है। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने इस सूची की पुष्टि की है।