जावेद अंसारी
बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा चुनाव से पहले इस वर्ष की पहली प्रेस को संबोधित करते हुये आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के बाद भी लोगों की तकलीफ कम नहीं हुई है, इस बीच प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार की जांच को लेकर बसपा सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाने के साथ ही कर्इ मांग की,
इसमें उन्होंने नोटबंदी में मरने वाले लोगों को मुआवजा, कालेधन की जमा राशि का खुलासा समेत 50 दिन बाद भी समस्या कम न होने को लेकर जवाब मांगा, नोटबंदी के 50 दिन समाप्त होने के बाद भी आम जनता की तकलीफें कम नहीं हुर्इ है, प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के नाम पर जो तीर चलाया है, उससे पूरी जनता परेशान है, 50 दिन पूरे होने के बाद भी किसी की तकलीफ कम नहीं हुर्इ है, अब तक प्रधानमंत्री ने बातें बनार्इ है, उन्हें अब जवाब भी देना होगा, साथ ही 50 दिनों में समस्या खत्म न होने से वह फेल हो गए हैं, एेसे में जनता की समस्या को कम करने के लिए उन्हें कोर्इ कदम उठाना चाहिए, पीएम ने फिर वही घिसी-पिटी बाते दोहराई पेट्रोल डीजल रसोई गैस का दाम बढ़ाकर लोगों की कमर तोड़ी, रैली में आम लोगों से ज्यादा सुरक्षा कर्मियों की भीड़ थी, पीएम ने कोई नई बात नही कही, पीएम के सारे फैसले हवा-हवाई है,
नरेंद्र मोदी की सभा मे इकट्ठी भीड़ पर चुटकी लेते हुए उन्होने कहा कि यह पैसे देकर जुटाई गई भीड़ थी, आम कार्यकर्ता या नागरिक इसमें शामिल नहीं हुये थे, उन्होने कहा कि नरेंद्र मोदी को बहुमत का जो अहंकार है, वह उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम आते ही दूर हो जाएगा, मोदी के ढाई साल के कार्यकाल को विफल बताते हुये कहा कि अब उनसे अच्छे दिन के आसार बिलकुल नहीं है, नरेंद्र मोदी को चैलेंज देते हुये मायावती जी ने कहा कि वे किसानों के कर्ज माफ कर अपनी बात को प्रमाणित करें,
बसपा सुप्रीमो ने दावा किया कि लखनऊ की रैली में भीड़ भाड़े की भीड़ और टिकटाथिर्यो के जमावड़े के बावजूद मोदी की शक्ति प्रदर्शन वाली रैली भीड़ और भाषण के लिहाज से फ्लाप साबित हुई, मोदी का संबोधन वही पूराना और घिसा पिटा रहा, बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कालाधन भ्रष्टाचार और नकली नोट खत्म करने की आड़ में नोटबंदी के 50 दिन के अभियान की समाप्ति पर भाजपा इसके संबंध में केवल हवा हवाई और खोखली बातें करें, ये जनता को मंजूर नहीं।