दिग्विजय सिंह
कानपुर नगर, अंत भला तो सब भला की तर्ज पर आखिरकार कांग्रेस और सपा का यूपी विधानसभा के लिए गठबंधन के बाद अब सपा के साथ मिलकर कांग्रेस अपने प्रत्याशी समझौते के तहत लडा सकती है। वहीं इस गठबंधन से दूसरे दलों में बेचैनी भी है। फिलहाल जानकारी मान रहे है कि सपा के साथ गठबंधन करने पर कांग्रेस को ही फायदा पहुंचेगा। कांग्रेस द्वारा रणनीति तयौर की जा रही है।
शहर की किदवई नगर व गोविन्द नगर सीट कांग्रेस की मानी जाती है। सपा से ज्यादा बेहतर स्थिति इस सीट पर कांग्रेस की है। कांग्रेस विधायक अजय कपूर कांग्रेस के मजबूत और कददावर नेता है, तो वहीं कैट पर माथा पच्ची चल रही है। इसी प्रकार ग्रामण्ीा की महाराजपुर और देहात की सिकंदरा पर भी कांग्रेस ने दावा किया है। इन दोनों विधानसभाओं में से किसी एक पर समझौते के होने की अटकले लगाई जा रही है। किदवई नगर से अजय कपूर कांग्रेस के विधायक है। भाजपा ने यहां से पूर्व मंत्री महेश त्रिवेदी को अपना प्रत्याशी घेाषित किया है। कांग्रेस को यहां सपा का साथ मिलने से मजबूती मिलेगी। पिछले विधानसभा चुनावों में सपा के ओम प्रकाश मिश्रा को यहां से लगभग 22518 वोट मिले थे। माना जा रहा है कि साइकिल की सवारी विधायक अजय कपूर के लिए फायदे का सौदा रहेगा।
कैंट की सुधरेगी स्थिति
राजनीति के जानकारों का मानना है कि सपा और गठबंधन में भाजपा को कैंट विधान सभा में परिश्रम अधिक करना होगा। बीते चुनाव में जहां अब्दुल मन्नान को लगभग 31122 वोट मिले थे तथा वह तीसरे स्थान पर रहे थे तो वहीं सपा से मो0 हसन रूमी को 33243 वोट मिले थे और वह रनर रहे थे। माना जा रहा है कि कांग्रेस और सपा के बीच वोटो का अंतर कुछ ज्यादा नही था। अब गठबन्धन के बाद कैंट विधानसभा में भाजपा की मुसीबतें बढ सकती है। फिलहाल कंाग्रेस कैंट सीट पर निगाह बनाये हुए है। यहां पर सपा से कांग्रेस को काफी फायदा पहुंचेगा।
महराजपुर से भारी पड रहे सतीश महाना
2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा के दिग्गज सतीश महाना को हराने के लिए सपा और कांग्रेस पूरे दम-खम को आजमायेगी। बीते विधानसभा चुनाव में धर्मराज सिंह चौहान को16938 वोट मिले थे वह चौथे स्थान पर थे जब कि सपा की अरूणा तोमर को 51585 वोट मिले थे और वह तीसरे स्थान पर हीं थी। यहां सपा और कांग्रेस को महाना से टकराने के लिए कडी मेहनत करनी पडेगी।