अनंत कुशवाहा
अम्बेडकरनगर। तो सावधान! यदि यहीं हाल रहा तो जिला चिकित्सालय कभी भी महामारी की चपेट में आ सकता है। जिला चिकित्सालय परिसर में आयुष विंग के सामने जिस प्रकार अस्पताली कचरे का अम्बार लगता जा रहा है उससे तो कम से कम यहीं परिलक्षित होता है। चिकित्सालय की चहार दीवारी के निकट से शुरू हुआ अस्पताली कचरा फेंकने का सिलसिला अब आयुष विंग के सामने तक आ पहुंचा है। वहीं बगल में स्थित मरचरी गृह में शव रखने व उसे वहां से पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाने के दौरान भी लोगों को काफी असुविधा हो रही है।
गौरतलब है कि जिला चिकित्सालय से अस्पताली कचरा ले जाने की जिम्मेदार आजमगढ़ की एक संस्था को सौंपी गयी है। सूत्रो की माने तो इस संस्था की गाडी महीने में कभी कभार ही अस्पताल का कचरा उठाने के लिए आती है। रोजाना निकलने वाला अस्पताली कचरा चिकित्सालय परिसर में ही आयुष विंग के निकट फंेक दिया जा रहा है। कहने को तो चहार दीवारी के निकट इस कचरे को रखने के लिए जाली के अलग-अलग खाने बनाये गये है लेकिन काफी समय पूर्व बनाये गये यह खाने अब बरबाद हो गये है। मौजूदा समय में कचरे को खुलेआम चिकित्सालय परिसर में ही फेंका जा रहा है जो कभी भी गंभीर बीमारी का कारक बन सकता है। मजे की बात यह है कि चिकित्सालय प्रशासन ने भी इससे पूरी तरह से मुंह मोड़ रखा है। हालत यहीं रहा तो वह दिन दूर नहीं जब चिकित्सालय में भर्ती मरीज, उनके तीमारदार व आस पास रहने वाले लोग किसी महामारी की चपेट में न आ जाये।