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बांदा – लापरवाह विद्यालय प्रशासन पर कौन कसेगा नकेल

शाहनवाज खान/बांदा
जनपद के तमाम निजी स्कूलो में प्रयुक्त वाहनों की हालात बदतर है मासूमो की जान जोखिम में डालकर विद्यालय संचालक खुद तो मालामाल हो रहे हैं लेकिन अगर उनके उन वाहनों पर नजर डाली जाय जिसका प्रयोग वो विद्यालय वाहन के तौर पर कर रहे है तो बहुत भयावह तस्वीर सामने आती है जिन डग्गामार वाहनों का उपयोग हो रहा है वो कतई प्रयोग करने लायक नहीं है।इस भयावह हो चुकी इस कहानी में सबसे खतरनाक है सम्बंधित विभाग के अधिकारिओ की अनदेखी जो कभी भी एटा जैसी वीभत्स घटना को हमारे बीच घट सकती है आखिर क्यों इस गंभीर विषय की अनदेखी की जा रही है,अधिसूचना के बाद सक्रिय हुई पुलिस क्या कभी ऐसे वाहनों को चेक करेगी जिस पर भारत का भविष्य ढोया जा रहा है।
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