अखिलेश सैनी/बलिया
बलिया। चितबड़ागांव मोड़ पर शुक्रवार को तड़के चेकिंग के दौरान उड़न दस्ता ने दो लाख व बैरिया में 1.35 लाख व सिकन्दरपुर में 1.38 लाख रुपये बरामद किया। हिरासत में लिए गये व्यक्ति द्वारा संतोषजनक जबाब न मिलने पर उड़न दस्ता ने रुपये को जब्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी।
आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव में कही कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। शुक्रवार की सुबह उड़न दस्ता की टीम ने चितबड़ागांव मोड़ पर वाहनों की चेकिंग कर रहा था। इसी बीच भरौली की ओर से एक स्कार्पियो आती दिखी, जिसे सिकन्दरपुर जाना था। गाड़ी में सवार एक व्यक्ति के पास से दो लाख रुपये मिले,पूछताछ में व्यक्ति ने अपना नाम जटाशंकर (निवासी-बेल्थरारोड) बताया। सही जानकारी नही दे पाने से टीम ने बरामद रुपये को जब्त कर लिया। टीम में सतेंद्र सिंह, सूर्यकांत पांडेय व इंद्रजीत शामिल रहे।
उधर, बैरिया थाना अंतर्गत चांददियर चौराहे पर उड़न दस्ता ने बिहार आ-जा रहे वाहनों की चेकिंग में बिहार सीतामढ़ी से आ रही डीसीएम ट्रक नंबर यूपी 62 एटी 2872 के चालक रवि कुमार के पास से 1.35लाख 850 रुपये बरामद किया। बिहार बार्डर के पास उड़ाका दल मजिस्ट्रेट विजय शंकर राय, उपनिरीक्षक आर पी यादव, सुरेंद्र सिंह आदि चेकिंग कर रहे थे। ट्रक सीतामढ़ी से मैहर के लिए जा रही नकदी पकड़ी गयी। क्षेत्राधिकारी बैरिया टीएन दूबे, उपजिलाधिकारी अरविंद कुमार, तहसील तहसीलदार मिश्री चौहान व कोतवाल केके तिवारी मौके पर पहुंच गए। चालक रविकुमार ने पूछताछ में बताया कि उस रुपए में से 31 हजार रुपए मेरे ट्रक का भाड़ा है, और एक लाख पाच हजार रुपए व्यापारी के मटर की कीमत है, जो इलाहाबाद से सीतामढ़ी गई थी। सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के दरौली घाट पर शुक्रवार की शाम सिकंदरपुर पुलिस द्वारा चेकिंग के दौरान एक लाख 38 हजार 220रुपए नगदी पकड़ा गया। जिसके बाद पैसे के बारे में पूछताछ करने पर सही जानकारी पैसा मालिक द्वारा नहीं दिया गया जिसके बाद थानाध्यक्ष सिकंदरपुर अशोक कुमार यादव ने फ्लाइंग एस्काट को सूचना दे दिया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची फ्लाइंग एस्काट ने भी जांच पड़ताल किया जिसके बाद पैसे को सीज कर इनकम टैक्स विभाग को सूचित कर दिया गया। जिला सिवान थाना रघुनाथपुर निवासी सत्यप्रकाश पुत्र जय प्रकाश सिंह के पास से एक लाख अड़तीस हजार दो सौ बीस रुपए नगदी पाए गए पैसे के बारे में जब पूछताछ किया गया तो सही जवाब नहीं मिलने पर पैसे को सीज कर दिया गया वहीं उच्चाधिकारियों सहित इनकम टैक्स विभाग को सूचित कर दिया गया।