आजमगढ़ : गंभीरपुर थाना क्षेत्र के छाऊँ ग्राम निवासिनी मुबससेरा खातून पत्नी स्वर्गीय सलाहुद्दीन विगत 10 दिसम्बर 2016 को अपनी बेटी के साथ सरायमीर से खेतासराय बेटी की ससुराल जाने के लिए निजी बस पकड़ी थी। उसके अनुसार उसके पास ट्राली वाला बैग था
जिसमे कीमती जेवरात दो सोने की चूड़ी, एक हार तथा एक जोड़ी झुमकी, दो अंगूठी, बाली दो, एक सोने का दिल कुल जेवरात सोने के जिसकी कीमत दो लाख रुपया थी। बस का खलासी एवम कंडेक्टर ने बैग को केबिन के अन्दर रखने को कहा तो पीड़िता ने मना किया। इसपर कंडक्टर और खलासी ने कहा कि रास्ता घिर जाएगा तो पीड़िता ने बैग दे दिया तथा जब खेतासराय उतरने पर बैग ले कर जब घर पहुंची तो उसमे देखा की बैग का ऊपरी वाला भाग काटा गया था। खोलने पर उसमे से सभी जेवरात गायब थे। इस घटना की सूचना दूसरे दिन सरायमीर थाने को लिखित दी गई तो थानाध्यक्ष ने कंडक्टर और खलासी को थाने पर लाकर रातभर पूछताछ किया। फिर पीड़िता के अनुसार उससे थानाध्यक्ष ने कहा कि सामान की कीमत दिलवायेंगे तथा दोनों को छोड़ दिया। बाद में पीड़िता ने एसओ से पूछा कि इसमें क्या हो रहा है तो थानाध्यक्ष ने कहा कि वो दोनों निर्दोष हैं। पीड़िता अनेको बार थाने का चक्कर लगा रही है परंतु आजतक न तो मुकदमा लिखा गया न किसी प्रकार की कार्यवाही की गई न ही कीमत दिलाई गई। इस संबंध में थानाध्यक्ष सरायमीर ज्ञानेश्वर मिश्र से इस घटना के बाबत पूछने पर बताया कि कंडक्टर और खलासी निर्दोष हैं।