देश की जनता से सज़ा पाने के लिए रहें तैयार मोदीजी – आलोक अग्रवाल
नोटबंदी के 50 दिन हुए पूरे, देश आर्थिक बर्बादी की ओर।
प्रधानमंत्री मोदी नोट्बंदी पर कोई जवाब नहीं दे पाये।
प्रमोद दुबे
भोपाल. आम आदमी पार्टी के मध्य प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि नोटबंदी की वजह से देश आर्थिक बर्बादी की तरफ़ बढ़ रहा है लेकिन मोदी सरकार की तरफ़ से इसकी कोई ज़िम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। नोटबंदी को 50 दिन पूरे हो गए लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुईं हैं। कल राष्ट्र के नाम संबोधन में मोदीजी यह बताने में असफल रहे कि नोट्बंदी के बाद कितना काला पैसा वापस आया 50 दिन बाद देश को क्या मिला. 50 दिन बाद भी कोई व्यक्ति अपने बैंक में जमा अपना पूरा पैसा वापस नहीं निकाल सकता है.
उन्होंने कहाकि मोदी जी ने ख़ुद कहा था कि ’50 दिन बाद अगर कोई कमी रह जाए तो 30 दिसंबर के बाद जिस चौराहे पर कहोगे उस चौराहे पर आकर जनता जो सज़ा देगी वो स्वीकार करूंगा’। हम प्रधानमंत्री जी को याद दिलाना चाहते हैं कि 50 दिन पूरे हो चुके हैं और प्रधानमंत्री जी अब आप कल भोपाल में जिंसी चौराहा पर 12 बजे आइये और जनता की सजा को स्वीकार कीजिए।
आम आदमी पार्टी की प्रेस वार्ता में बताया गया कि “नोटबंदी की वजह से सौ से ज़्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं, लाखों करोड़ों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं, काम-धंधे चौपट हो चुके हैं, उद्योग-धंधे बंद हो गए हैं, किसानों की फ़सलें ख़राब हो गई हैं, हज़ारों की संख्या में शादियां टूट चुकी हैं और पूरा देश आर्थिक बर्बादी की तरफ़ अग्रसर है। इन सबके बावजूद प्रधानमंत्री जी 10 दिसम्बर को कहते हैं कि ‘छोटी-मोटी तकलीफ़ ज़रूर होंगी’। हम मोदी जी से पूछना चाहते हैं कि उन्हें यह तकलीफ़ें छोटी लग रही हैं? हम मोदी सरकार से कुछ प्रश्न पूछना चाहते हैं
1. नोटबंदी की वजह से देश में सौ से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं, आज तक प्रधानमंत्री जी ने संवेदना का एक शब्द अपने श्रीमुख से नहीं निकाला है। इन मौतों की ज़िम्मेदारी कौन लेगा? आज से पहले तक मोदी जी और भारतीय जनता पार्टी को दलित विरोधी और अल्पसंख्यक विरोधी माना जाता रहा है लेकिन क्या अब यह भी मान लिया जाए कि मोदी जी और BJP नागरिक विरोधी भी हैं?
2. दिहाड़ी मज़दूरी करने वाले लाखों लोगों की नौकरियां इस नोटबंदी की वजह से जा चुकी हैं, उद्योग-धंधे बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं, लोग भूखो मरने की कगार पर पहुंच चुके हैं, इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा?
3. किसानों की ख़रीफ़ की फ़ैसलें ख़राब हो गईं क्योंकि खरीदार ही नहीं था और अब रबी की फ़सल के लिए भी बीज खरीदने के पैसे नहीं है। किसानों की हालत पहले से ज़्यादा दयनीय हो गई है, किसानों की आत्महत्याएं पहले से ज़्यादा बढ़ गई हैं। इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा?
4. देश में हज़ारों की संख्या में शादियां टूट चुकी हैं। लोगों के पारिवारिक और सामाजिक तानेबाने की डोर ना केवल कमज़ोर हुई है बल्कि शादी करने जा रहे युवाओं के भविष्य में भी अंधकार पैदा करने का काम इस नोटबंदी ने किया है। इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा?
5. अब अगर भविष्य में देश में कोई भी आतंकी गतिविधियां पेश आती हैं या फिर नकली नोट पकड़े जाते हैं तो क्या प्रधानमंत्री जी इस्तीफ़ा देंगे?
उपरोक्त सभी परेशानियां सिर्फ़ और सिर्फ़ प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी की नोटबंदी की वजह से ही हुई है। मोदीजी ना केवल इसकी ज़िम्मेदारी ले बल्कि उनके अपने कथन के अनुसार वो कल दोपहर 12 बजे भोपाल के जिंसी चौराहे पर उपस्थित हो और जनता के द्वारा दी जाने वाली सजा को स्वीकार करें।