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तो बढ़ने लगी है संभावित भाजपा प्रत्याशियो की धड़कने, सपा व बसपा ने खोल दिया है पत्ता

अनंत कुशवाहा
अम्बेडकरनगर। विधानसभा चुनाव की तिथि ज्यो-ज्यो नजदीक आ रही है त्यो-त्यो भारतीय जनता पार्टी के संभावित प्रत्याशियो की धड़कने बढती जा रही है। वैसे तो इस जिले में चुनाव पांचवे चरण में होना है लेकिन प्रमुख दल बसपा व सपा द्वारा जिले की हर विधानसभा सीट से अपने-अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया गया है। इससे इतर भाजपा ने किसी भी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशियों के नाम अभी तक घोषित नहीं किये है। इसको लेकर भाजपा नेता क्षेत्र में जनसम्पर्क में कम लखनऊ से दिल्ली तक दौड़ लगाने में ज्यादा व्यस्त देखे जा रहे है।

शायद ही ऐसा कोई विधानसभा क्षेत्र होगा जहां से दो-चार भाजपा नेता लखनऊ अथवा दिल्ली में डेरा न जमाये हो। टिकट के लिए ही अपनी पूरी ऊर्जा झोक रहे भाजपा नेता क्षेत्र से पूरी तरह गायब दिख रहे है। इन परिस्थितियों में भाजपा के संभावित उम्मीदवारों को लेकर भी चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है। पार्टी के कुछ नेताओं को भाजपा नेतृत्व के इस एजेंडे से झटका भी लग सकता है जिसमें पार्टी में शामिल सिटिंग विधायको को टिकट देने की बात सामने आ रही है। ऐसी परिस्थिति में समाजवादी पार्टी छोडकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए जलालपुर विधायक शेरबहादुर सिंह के पुत्र राजेश सिंह की उम्मीदवारी पक्की होने की संभावना प्रबल जतायी जा रही है। हालांकि लम्बे समय से भाजपा व संघ से जुडे रहे डा0 रजनीश सिंह भी पूरे जोर शोर से अपनी उम्मीदवारी को पक्का करने में लगे हुए है। हालांकि राजेश सिंह को जलालपुर से भाजपा का प्रत्याशी बनाया जाना पार्टी के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है। कारण कि राजेश सिंह खुद अपने पिता शेरबहादुर सिंह की छवि के खांचे में किसी भी तरह फिट नहीं बैठते। टाण्डा विधानसभा क्षेत्र से संजू देवी की उम्मीदवारी को सबसे मजबूत बताया जा रहा है। हिन्दू वादी नेता के रूप में रहे उनके पति रामबाबू व भतीजे राममोहन की हत्या के कारण पूरा टाण्डा कफ्र्यू के हवाले हो गया था। वैसे पूर्व एमएलसी विशाल वर्मा भी टिकट के लिए पूरा जोर लगा रहे है। अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र से चन्द्र प्रकाश वर्मा व विनोद सिंह के नामो की चर्चा जोरो पर है। निर्विरोध प्रत्याशी के रूप में अकबरपुर नगर पालिका का चुनाव जीत चुके चन्द्र प्रकाश वर्मा की छवि एक मिलनसार नेता के रूप में सामने आ चुकी है। उनकी यही छवि उनकी उम्मीदवारी के लिए मुफीद साबित हो रही है। सबसे ज्यादा विवाद की स्थिति कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में सामने आ रही है। यहां दावेदारो की लम्बी भीड़ के बीच पूर्व मंत्री अनिल तिवारी ने भी अपना दावा ठोक दिया है। हालांकि इस विधानसभा क्षेत्र से अवधेश द्विवेदी व ज्ञानेन्द्र पांडेय को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
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