विवेक उपाध्याय
अम्बेडकरनगर। जिला मुख्यालय पर स्थित कांशीराम आवास कटरिया याकूबपुर में रहने वाले परिवार नरकीय जीवन व्यतीत करने के लिए विवश है। आवास में साफ-सफाई व्यवस्था पानी, बिजली सहित अन्य समस्याएं मुंह बाये खड़ी है। चैतरफा अव्यवस्थाओं का अम्बार लगा हुआ है। तमाम शिकायतो के बावजूद भी अधिकारियों द्वारा उस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार हुए लोग ताला बंद कर धीरे-धीरे यहां से पलायन करने लगे है। यहां रहने वाले लोगों ने अधिकारियों से विभिन्न समस्याओं पर ध्यान दिये जाने की बात कही है। यहां 96 ब्लाक, 11 सौ 52 कमरे है।
एक समय था जब यहां रहने वाले परिवारो की एक शिकायत पर पूरा प्रशासनिक अमला ही सक्रिय हो जाता था। सत्ता परिवर्तन होने के साथ ही यहां रहने वाले परिवारो की समस्याएं धीरे-धीरे बढ़ती चली गयी। आवास में चारो तरफ गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। बजबजाती नालियों के चलते वहां खड़ा होना भी दूभर रहता है। वहां लगे अधिकांश इंडिया मार्का हैंड पंप या तो खराब पड़े है, या तो उनमे से गंदा पानी आ रहा है। पानी आपूर्ति के लिए लगी टंकियां फूट चुकी है, और उसकी पाइप भी धीरे-धीरे करके गायब हो चुकी है। परिसर में लगी ओवर हेड टंकी का पानी लोगों के पास नहीं पहुंच पा रही है। पानी को लेकर लोगों को लम्बी दौड़ लगानी पड़ रही है। प्रकाश के लिए लगी स्ट्रीट लाइटो में से अधिकांश खराब हो चुकी है। दिन में तो किसी तरीके से लोगांे का काम चल जाता है, लेकिन रात्रि में लोगों की परेशानियां बढ़ जाती है। अधिकारियों द्वारा ध्यान न दिये जाने से रहने वाले गरीब परिवारो में से लगभग 20 प्रतिशत लोग अपने-अपने आवासो में ताला बंद कर यहां से पलायन कर गये है। ऐसा नहीं है कि यहां रहने वाले वासिंदो ने इसकी शिकायत नहीं की। शिकायत तो लगातार करते चले आ रहे है, लेकिन उनके जख्मो पर मरहम लगाने कोई भी नहीं पहुंचा। यहीं नहीं, वहां खाली पडे़ कमरो मंे तमाम बाहरी लोगों ने अपना कब्जा जमा लिया है। वे यहां पर रहकर गैर कानूनी कार्यों में लगे रहते है। आये दिन कोई न कोई घटना वहां घटती रहती है। इस विषय में जब अपर जिलाधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।