राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारा आरक्षण के मुद्दे पर दिये गए बयान की निंदा करते हुये बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि आरएसएस का आरक्षण विरोधी बयान दृष्टिकोण दुर्भाग्यपुर्ण व् निन्दनीय है, क्योंकि केंद्र सरकार की भाजपा व् प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आरएसएस के इशारों पर ही चलती है, यही कारण है कि दलितों व् पिछड़े वर्गों को मिलने वाले आरक्षण की संवैधानिक सुविधा निष्क्रीय व निष्प्रभावी बनाने के साथ साथ इसे खत्म करने का प्रयास लगातार करती रही है,
मायावती ने कहा कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने भी आरक्षण की समीक्षा की आड़ में इस संवैधानिक व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास किया था, लेकिन देश भर में इसका जबरदस्त विरोध के कारण उन्हें ये प्रयास रोकना पड़ा था, अब फिर इस मामले को छेड़ा गया है, जिसका खामियाजा भाजपा चुनाव में भुगतने को तैयार है,मायावती ने कहा कि यदि किसी कारणवश भाजपा की सरकार बन गई, तो वह दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण को समाप्त कर देगी, आरक्षण के अधिकार की रक्षा केवल बसपा ही कर सकती है, इसलिए आने वाले विधानसभा मे आपको बसपा को ही वोट देना है, दलितों,पिछड़ों एवं आदिवासियो की सामूहिक शक्ति एवं संख्या का जिक्र करते हुये उन्होने भाजपा को धमकाया कि वे नहीं जानते हैं कि इनकी संख्या कितनी है, यदि इस तरह का कुत्सित प्रयास उनके द्वारा किया गया, तो वे उन्हे राजनीति करने लायक नहीं छोड़ेंगे, मायावती ने कहा वोट बिखरे नहीं, इस बात की हिदायत भी दी,मायावती ने दुसरे प्रेस कॉन्फ्रेंस सपा को आड़े हाथ लेते हुए मायावती ने कहा कि जनका केंद्र की नीतियों के खिलाफ है, वहीं सपा पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि यूपी में कानून-व्यवस्था ठप है, मुलायम सिंह पुत्र मोह का नाटक कर रहे हैं, नाटक से वो अखिलेश के दाग धोना चाहते हैं, यूपी की जनता से अपील है कि बीएसपी की सरकार बनाए,जानिए मायावती ने अपने भाषण में क्या कहा,