एक पखवारा पूर्व से पहाडों पर वर्फबारी न होने व तेज धप निकलने से ठण्ड काफी कम हो गयी थी। बीते शुक्रवार को हुई मूसलाधार बरसात व पहाडों पर फिर से शुरू हुई वर्फबारी के चलते मौसम ने अपना मिजाज फिर बदल दिया। गलन भरी ठण्ड व आसमान में हल्के बादलों के छाये रहने से जनपद वासियों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो रही है। लोगों ने गर्म कपडों को रखना शुरू कर दिया था वहीं कडाके की ठण्ड ने उन्हें पुनः निकालने के लिए मजबूर कर दिया। मंगलवार को पडे घने कोहरे ने लोगों की परेशानियां और बढा दी। कोहरे का आलम यह था कि सुबह दस बजे तक सडकों पर इक्का दुका वाहन ही नजर आ रहे थे। जो वाह चल भी रहे थे उन्हें दिन में भी लाइट जलानी पड रही थी। मौसम के अचानक करवट लेने से जनपद वासी कडोके की ठण्ड को झोलने के लिए विवश है। शहरी क्षेत्र हो अथवा ग्रामीण लोगों ने फिर से अलाव जलाना शुरू कर दिया है।
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