अनंत कुशवाहा
भियांव, अम्बेडकरनगर। राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के लिए आये सरकारी धन का बंदर बांट ग्रामीण क्षेत्र में किस तरह से किया गया है। इसका उदाहरण लगातार टूटते खम्भे व अन्य उपकरण है। यह योजना घर-घर पहुंचने के बजाय केवल कागजो तक ही सिमट कर रह गयी है। विद्युतीकरण योजना कुछ ग्राम पंचायतो में मानक के विपरीत खम्भे गाड़कर चले गये। ठेकेदार गहरायी कम होने के कारण खम्भे सबके सब झुककर लटक गये। जगह-जगह तार भी टूटकर इधर-उधर हो गये।
जलालपुर तहसील क्षेत्र में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के नाम सरकारी खजाना को लूट घसोट करके अपना कार्य समाप्त करके ठेकेदार रफ्फू चक्कर हो गये। किसी भी गांव में राजीव गांधी योजना का लाभ नहीं मिल सका। इस संबंध में कई बार एसडीएम जलालपुर विवेक मिश्रा को फोन से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने अवगत कराया, लेकिन आज तक टूटे पड़े खम्भे, ट्रांसफार्मर जमीन पर पड़े है। इस संबंध में जेई रफीगंज व जलालपुर अधिशाषी अभियंता को अवगत कराने पर परिणाम मिला कि इस विद्युतीकरण के जिम्मेदार हमारा विभाग नहीं है। विद्युत विभाग द्वारा तरह-तरह की योजनाओं का लाभ शासन द्वारा आ रहा है, लेकिन इन ग्राम पंचायत के लोग आजादी से लेकर आज तक विद्युत के लिए तरस रहे है। मजीरा, सैदपुर, पुरवां डीह, भियांव इन ग्राम पंचायतो में अभी विद्युतीकरण के लिए लोग चक्कर काट रहे है। उधर मथुरा रसूलपुर में खम्भा टूटा पड़ा है। विद्युतीकरण होने के बावजूद लोगों के घर रोशनी नहीं पहुंच सकी है। इस संबंध में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से विद्युतीकरण का कार्य पूरा करवाये जाने, टूटे पड़े खम्भो को ठीक करवाये जाने की मांग की है।