इमरान सागर/तिलहर,शाहजहाँपुर
टिकिट वितरण होते ही बिधान सभा चुनावी रण का आगाज़ हो गया! हांलाकि नामिशेन कराने में समय हैं लेकिन प्रचार प्रसार के माध्यम से सभी प्रत्याशियों ने अपने वोटर दाता को आक्रषिक करना आरंभ कर दिया है! पार्टी प्रत्याशियों के लिए कार्यकर्ताओं ने पूरी तरह कमर कस कर वोटरो से मुलाकात का सिलसिला चालू कर दिया। इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी पूर्व में मंत्री रहे अबधेश वर्मा को पार्टी नें 133 बिधान सभा तिलहर क्षेत्र से अपना मजबूत प्रत्याशी बना कर उतारा है।
बताते चले कि बसपा से दो वार बिधायक रहे रोशन लाल वर्मा (अब भाजपा में) अपने दशकीय लम्बे कार्यकाल में क्षेत्र का विकास कराने में पूरी तरह विफल रहे! एक दशक के पूरे कार्यकाल में बिधायक निधि से क्षेत्र में कोई विकास कार्य हुआ नज़र नही आया जबकि इस प्रश्न के उत्तर में प्राया सुनने में आया कि सरकार हमारी नही है इस लिए कार्यो में रोड़ा लगा हुआ है आदि आदि जबकि सूत्रो की माने तो तिलहर निगोही सम्पर्क मार्ग की अब तक मरम्मत नही पाने में सबसे बड़ा कारण बिधायक रोशन लाल वर्मा को ही बताया जाता रहा है क्यूकि यह पब्लिक है सब जानती है।
अपने दस वर्ष के कार्यकाल में रोशन लाल वर्मा अधिकतर क्षेत्र में किसी खास मौके पर ही दिखाई दिये और क्षेत्र की दयनीय हालत के प्रश्नो से बचते नज़र आए। एक दशक तक बहुजन समाज पार्टी से बिधायक रह कर भी क्षेत्र के हालातो में कोई सुधार नही करा पाने वाले मा० बिधायक रोशन लाल वर्मा अहसास कर चुके थे कि इस बार क्षेत्र की जनता उनसे पूरी तरह उकता गई है और वह किनारा कर सकती है और इसी के मद्देनज़र मोदी लहर से आक्रषित हो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो प्रत्याशी बन गये जबकि पूर्व में इस टिकिट पर पूरी दाबेदारी अरूण यादव उर्फ चैनू की रही और उन्होने ने ही भाजपा सीट को मजबूती देने के लिए जमीन तैयार की परन्तु पार्टी नितियों के चलते वे टिकिट की दौड़ में पीछे रह गये। अहम और खास यह है कि नगर क्षेत्र के वोटर पर अक्सर दोनो बार ही हराने की तोहमत लगाने वाले फिरइस बार उसी पर फिर भारतीय जनता पार्टी से चुनाव मैदान में उतरे हैं और जीत सुनिश्चित करते हुए लेकिन क्या यह उम्मीद की जा सकती है कि दो बार क्षेत्र की बादशाहत पास रखने के बाद कोई किसी प्रकार का विकास कार्य नही करा पाने के बाद भी वोटरो को दोष देने वाले प्रत्याशी रोशन लाल वर्मा नगर क्षेत्र सहित ग्रामी वोटर का विश्वास जीत पाएगे।
मा० न्यायालय द्वारा जाति के आधार पर वोट मांगने पर बैन होने एंव वर्तमान में पार्टी की नीतियों के मद्देनज़र क्षेत्र का कारोबारी,व्यापारी जिस पर दोनो बार चुनाव हराने की तोहमत लगती रही से इस बार पार्टी बदल कर चुनाव जीतने की उम्मीद की जा सकती है यह तो समय के गर्भ में है लेकिन क्षेत्रवासियों को अपने बिधायक से जो उम्मीदे होती हैं उस पर खरा उतारने के जनमानस का मूड खुले तौर पर कुछ अलग दिखाई पड़ता है।