क्षेत्र में पालिका प्रशासन की विभिन्न गाटा भूमियों पर फेरबदल कर रातो रात अबैध अतिकम्रण होता जा रहा है! दशको से चल रहे इस सिलसिलो को पालिका प्रशासन भी रोकने में अब तक नाकाम ही नज़र आता रहा! विगत के वर्षो में पालिका की विभिन्न गाटा भूमियों का फेरबदल कर बिना मानचित्र पास किए बड़ी इमारतो का निर्माण तेजी के साथ होता नज़र आया! अब इसे पालिका प्रषासन की मिलीभगत कहें या तहसील प्रशासन की लापरवाही, मामला कुछ भी हो लेकिन सरकार की कीमती जमीने भूमाफियाओं द्वारा कौड़ी के भाव बिकती दिखाई दे रही है तो वही बिना मान चित्र पास कराएे इमारतो का निर्माण कर सरकार को वार्षिक लाखो का चूना लगाया जा रहा है।
नगर के मौजा उम्मरपुर हो या हिन्दुपट्टी, बनवारी पुर हो या पचासा, चुंगी अन्दर हो या बाहर,पालिका प्रशासन की करोड़ो की भूमि गाटाओं के बड़े क्षेत्र फल फिलहाल अबैैध कब्जों एंव अतिक्रमण का शिकार हैं! अभिलेखो में रातो रात गाटा बदल कर उसपे इमारत निर्माण होना एक आम बात सी बनती जा रही है जबकि सरकार की विभिन्न योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए पालिका प्रशासन अपनी ही गाटा भूमियों को खाली कराने में बेबस और लाचार दिखाई पड़ने लगा है।
सूत्र बताते हैं कि विगत के चार वर्ष में नगर विकास में मील का पत्थर साबित होने वाली सरकार द्वारा पालिका की विभिन्न कार्य योजनाओं के लिए नगर मे मौजूद गाटा भूमियाँ रातो रात अबैध कब्जा कर अतिक्रमण करा दी गई! अब इसे पालिका प्रशासन की मिलीभगत कहा जाय या फिर तहसील प्रशासन की लापरवाही लेकिन सरकार की योजना में रोड़ा तो अटक ही जाता रहा जिससे पूरी तरह नगर विकास वंचित होता गया।
निर्माणधीन राजकीय महिला औद्धोगिक संस्थान स्थित लापरवाही या मिलीभगत के चलते पालिका प्रशासन की बड़ी गाटा भूमियों पर लगातार अबैध कब्जा होता रहा लेकिन आज जब ITI बनने का नम्बर आया तो भूमि कब्जाधारको द्वारा आपत्ति एंव बिरोध उसमें रोड़ा नज़र आता है हालाकि दिखाई देने वाली जमीन पर निर्माण कार्य का वोर्ड लगा दिया गया परन्तु कार्यदयी संस्था को जमीन नाप कराने में पालिका प्रशासन को तमाम बिरोध का सामना करना पड़ रहा है।
एैसे में दशको बाद नगर को मिलने वाली ITI क्या मात्र एक सपना बन कर रह जायगी यह सोचनीय प्रश्न है और साथ ही यह भी कि आखिर पालिका प्रशासन किस आभाव में अपनी ही गाटा भूमियों को खाली कराने में खामोश बैठा नज़र आ रहा है।