सी•पी• सिंह विसेन/बिल्थरारोड (बलिया)
तहसील क्षेत्र के हल्दीरामपुरके श्रीलालमणि ऋषि ब्रम्ह बाबा के स्थान पर हो रही श्री मद्भागवत कथा के नव दिवसीय पारायण में आज विश्राम दिवस की कथा में कथा व्यास श्री जितेन्द्र नारायण शुक्ल शाष्त्री ” पारस जी ” ने चीर हरण और रास लीला का सुन्दर और आध्यात्मिक वर्णन किया l बताया कि इन लीलाओं के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण ने दृष्टि से वासना का हरण करके साधना मार्ग प्रदान किया l
जीव को आयुष्य श्रेष्ठता का साधन भी बताते हुए कहा किआयु को बढाने वाले कर्म करने तथा स्वास्थ्य संरक्षण के नियमों का पालन, सात्विक जीवन, श्रेष्ठ विचार, समुचित पोषण, सन्तुलित जीवनचर्या आदि के द्वारा इसी जीवन में आयुष्काल बढा हुआ देखा जाता है। इसी प्रकार अभक्ष्य भक्षण, मदिरा-पान या अन्य नशों का सेवन, विष-भक्षण, आत्मघात, अस्त-व्यस्त,जीवनचर्या, जीवनी शक्ति का मनमाना अपव्यय आदि के द्वारा आयुष्काल को स्वयं इसी जीवन में लोग घटा लेते है। मनुष्यत्व को स्वयं ही पशुत्व में परिवर्तित करते अथवा देवत्व के रुप में ऊपर उठते भी इसी जन्म में लोगों को देखा जाता है। उन्नति-अवनति, विद्वत्ता-विमूछता, सक्रियता-निष्क्रियता आदि की सितियाँ मनुष्य स्वयं ही अपनाता या छोड़ता है।आज कथा में भगवान श्री कृष्ण जी के विवाह, सुदामा चरित्र, एवं परीक्षित मोक्ष की पावन कथा सुनाकर कथा विश्राम किया lआज कथा में श्री कृष्ण जी की एवं भक्त सुदामा की झॉकी और विवाह उत्सव मनाया गया l कथा में उपस्थित समस्त श्रोता भक्त जनों ने व्यास जी की विदाई भेंट देकर आशीर्वाद प्राप्त किया l
कार्यक्रम संयोजक सीपीसिहंविसेन,गुडडु सिह,अनिल सिह, सतोस सिह, शिवशंकरप्रसाद,सादा मिस्त्री, उमेश गिरी, पुष्पहास त्रिपाठी, प्रवीण प्रजापति ,राजकुमार यादव।