आरएलडी में शामिल होने के बाद फोन से हुई वार्ता के दौरान उन्होंने ने कहा कि आज मै अपने बाबा के घर आकर खुश हूँ । बाबू जी ने अपनी राजनीति का अधिकांश समय कांग्रेस में रह कर किया परन्तु उनके निधन के बाद से तेरहवी तक कांग्रेस का क़ोई भी बड़ा नेता दरवाजे पर नही पहुचा। जिससे दुखी होकर मैं बाबू जी की पूरी विरासत लेकर नेता जी मुलायम सिंह यादव से मिला था, नेता जी द्वारा टिकट दिया गया। इसके बाद जिस तरह कांग्रेस ने मेरे साथ किया, वही काम सैफई परिवार ने मेरे साथ किया। मै ठगा हुआ महसुस कर रहा था। वही आरएलडी के प्रमुख अजित सिंह ने हमे गले लगया है और हमे टिकट भी तत्काल दिया है। जहाँ से बाबू जी राम नरेश ने चौधरी चरण सिंह के साथ राजनीति शुरू किया वही मैं अपने बाबा के घर में आकर खुश हूँ।
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