ऋषि बाथम
भोपाल: समाज की सुरक्षा के लिए पुलिस होती है. पुलिस किसी भी प्रदेश की हो वो महिलाओ की आबरू की हिफाज़त का दावा करती है , मगर अगर उसी वर्दी पर यह आरोप लगे कि उसी खाकी ने आबरू लूट ली तो समाज का विश्वास उठने लगता है. वर्दी का रुतबा कायम करने के लिए पुलिस अफसरों जितनी भी मेहनत कर ले लेकिन कुछ वर्दी की आड़ में ऐसा काम कर देते हैं जिससे पूरा महकमा शर्मसार हो जाता है। इसी तरह का एक मामला मध्य प्रदेश के धार जिले में प्रकाश में आया है जहा आरोपियों को गिरफ्तार करने गए पुलिस के जवानों पर महिलाओं की आबरू लूटने का आरोप महिलाये लगा रही है।
पीड़ित महिलाओं ने सोमवार को राजधानी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के नेतृत्व में महिला आयोग और पुलिस महानिदेषक ऋषि कुमार शुक्ला को ज्ञापन सौंपकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने घटना के सम्बन्ध में बताया कि 25 जनवरी की रात धार जिले की पुलिस कुछ आरोपियों को पकड़ने भुतिया और होलीबयड़ा गांव पहुंची। उसे आरोपी नहीं मिले तो उन्होंने गांव में उत्पात मचाया। इतना ही नहीं, महिलाओं की अस्मत लूटी और उसके बाद नगदी व जेवरात लूट ले गए। यादव का आरोप है कि इस घटना की जानकारी क्षेत्रीय विधायक उमंग सिंगार को मिली तो उन्होंने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की। जब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की, तब महिलाएं भोपाल पहुंचीं। पीड़ित महिलाओं ने कांग्रेस नेताओं के साथ महिला आयोग व पुलिस महानिदेशक को ज्ञापन सौंपकर दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की मांग की। पीड़ित महिलाओं ने महिला आयोग से एक प्रतिनिधिमंडल को घटनास्थल पर भेजने की मांग की। यादव ने घटना की जांच धार जिले के पुलिस अधिकारियों के अलावा किन्हीं अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कराने की मांग की, साथ ही दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं के बयान भी पुलिस मुख्यालय में दर्ज कराने का आग्रह किया, जिसे पुलिस महानिदेशक ने स्वीकार कर दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं के बयान दर्ज कराए।