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हर्मेश भाटिया की कलम से – सियासत और रवादारी

हम अखिलेश के सिपाही थे, है, और आजीवन रहेगे – बंशीधर यादव

बसपा की पुर्ण बहुमत की सरकार बन रही है – बसपा प्रत्याशी रिजवान अहमद

इस बार झूठ और अराजकता को नकार देगी प्रदेश की जनता  – राकेश त्रिपाठी.

आज दिन भार के राजनैतिक समीकरणों पर एक शेर राहत इन्दौरी का याद आ गया
सियासत में ज़रूरी है रवादारी समझता है,
वो रोज़ा तो नहीं रखता मगर इफ्तारी समझता है.
हर्मेश भाटिया
राजनीति का ऊँट कब किस करवट बैठे कहा नहीं जा सकता है, यह सियासत कौन सा रंग बदल दे यह खुद भी नहीं जानती है। इतिहास गवाह है कि सियासत में जब राजनीति अपना रंग दिखाती है कौन सा ऊँट किस करवट बैठ जाए पता नहीं चलता। आप मौजूदा हालात को ही ले लीजिए,  एक समय ऐसा आया था जैसे लगा बहुजन समाज पार्टी के अंदर एक भगदड सी मची हुई है जिसको देखो वह पार्टी छोड़ कर दूसरे दलों को ज्वाइन कर रहा है मगर आज अचानक सिक्का पलटता हुआ दिखा,

इसकी शुरुआत आज सुबह से हुई जब लगभग 11:15 बजे के करीब सपा को  एक बड़ा झटका अंबिका चौधरी के तौर पर लगा, अंबिका चौधरी जो सपा के पुराने नेता रहे हैं लोहियावादी रहे हैं समाजवादी रहे हैं वही अम्बिका चौधरी जिनका पूर्वांचल में अपना अस्तित्व हैं उन्होंने आज सपा छोड़कर बसपा दामन थाम लिया. ये सपा को एक बड़ा झटका था. अम्बिका चौधरी के तौर पर सपा को पूर्वांचल में एक स्तम्भ मिला हुआ था जो सरक कर अब किसी और ईमारत को मजबूती दे रहा था.

अभी इस झटके से सपा हिल ही रही होगी तब तक शाम हो गई और एक तगड़ा झटका धीरे से सपा को और लग गया. इस बार सपा को समर्थन देने वाली मुस्लिम महासभा के द्वारा ये झटका लगा. खबर आई कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी के नेतृत्व में झांसी के सपा समर्थित मुस्लिम महासभा के लगभग 6000 कार्यकर्ताओं ने सपा का दामन छोड़ कर बसपा ज्वाइन कर ली अब इसको कहते हैं कि राजनीति का ऊंट किस करवट बैठे किसी को कुछ नहीं पता अचानक अब तो ऐसा लग रहा है कि राजनीति में उत्तर प्रदेश की सियासत में अचानक एक भगदड़ सी मच गई है कौन किस तरफ जा रहा है समझ नहीं आ रहा है कभी मायावती का पल्ला कभी, भाजपा का पल्ला, कभी सपा का पल्ला भारी होता दिख रहा है कभी-कभी कांग्रेस अपना पल्ला भारी होते देख रही है
इस अचानक के हुवे दल बदल पर हमको कुछ प्रतिक्रिया भी प्राप्त हुई है. सबसे पहले सपा के अम्बिका चौधरी प्रकरण पर हमसे बात करते हुवे सपा के ब्लाक प्रमुख बंशीधर यादव ने कहाकि कौन कहा जाता है यह उसका व्यक्तिगत निर्णय है. हम सपा के और अखिलेश जी के सिपाही थे, है, और रहेगे.
इसी सम्बन्ध में वाराणसी दक्षिणी के बसपा प्रत्याशी राकेश त्रिपाठी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुवे कहाकि ” अब कहा गए वो लोग जो कहते थे कि बसपा में भगदड़ मची है, शायद अपने शब्दों की परिभाषा तलाश रहे होंगे. तो मैं बता देता हु कि वास्तव में भगदड़ मची है बसपा में आने के लिए.
वाराणसी कैंट विधानसभा प्रत्याशी रिजवान अहमद ने कहाकि ” हमारी पुर्ण बहुमत की सरकार बन रही है, झूठ और अराजकता की हार सुनिश्चित है. इस बार फिर से स्वच्छ छवि की बसपा सरकार का नारा फिज़ाओ में गूंज रहा है. आने वाले सभी का हम स्वागत करते है.
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