यशपाल सिंह/ जावेद अंसारी
मऊ/गाजीपुर। अंसारीबंधुओं का अब हाथी की सवारी करना तय हो गया है, मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती की तरफ से उन्हें हरी झंडी दे दी गई है, तमाम राजनीतिक उथल—पुथल के बाद सपा से टिकट कटने के बाद अंसारी बंधुओं ने अब बसपा का दामन थाम लिया है, उनका बसपा में जाना पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी मउ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी बसपा के बैनर तले चुनाव लड़ चुके हैं, पूर्व सांसद अफजाल अंसारी को भी बसपा ने गाजीपुर संसदीय सीट से एक बार आजमाया था, लेकिन उन्हें सपा के राधेमोहन सिंह से मुंह की खानी पड़ी थी,
बहरहाल अंसारी बंधुओं के बसपा में जाने की कवायद तेज हो गई है, कृष्णानंद हत्याकांड के मुकदमे के सिलसिले में दिल्ली गए पूर्व सांसद अफजाल अंसारी लखनऊ लौट आए हैं जबकि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद्र मिश्र ने मंगलवार को दिल्ली का अपना हवाई टिकट कैंसिल करा दिया है, खबर है कि दोनों नेताओं की शाम मीटिंग होगी, उसके बाद संभव हुआ तो एक-दो दिन में अंसारी बंधुओं के बसपा में शामिल होने की औपचारिक घोषणा पार्टी सुप्रीमो मायावती करेंगी, आपको बता दे कि बसपा में उन्हें लाने की पैरवी सतीशचंद्र मिश्रा के अलावा बलिया के पुर्व मंत्री अम्बिका चौधरी कर रहे है,गाजीपुर के मोहम्मदाबाद का चुनाव पर सबकी निगाहे लगी रहती है, बाहुबली मुख्तार अंसारी के गढ़ मोहम्मदाबाद से उनके भाई सिबगतुल्लाह अंसारी विधायक है, बीजेपी ने इसी सीट से कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय को प्रत्याशी बना दिया है, इसके चलते दोनों परिवारों के बीच एक बार फिर सियासी जंग के लिए मैदान सज गया है, बताया जाता है कि मुहम्मदाबाद से शिवगतुल्लाह अंसारी, मऊ से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी व घोसी से मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी को बसपा अपना उम्मीदवार बनायेगी, हालांकि अभी इसकी अधिकारिक घोषणा बसपा के तरफ से नहीं की गई है, लेकिन इन तीनों सीटों के उम्मीदवारों को बुलाकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने आगे अवसर देने का आश्वासन देकर मना कर दिया है, इसकी पुष्टि बसपा की ओर से अब तक मुहम्मदाबाद विस सीट के लिए घोषित उम्मीदवार विनोद राय ने बेबाक मीडिया से की है, 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मोहम्मदाबाद की सीट से अलका राय को टिकट मिल चुका है हालांकि बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौएद का सपा में विलय हो चुका है, अंसारी परिवार को विश्वास है कि मोहम्मदाबाद सीट से सपा सिबगतुल्लाह अंसारी को ही टिकट देगी, यदि ऐसा नहीं होता तो भी सिबगतुल्लाह अंसारी चुनाव लड़ सकते हैं, बहरहाल 2017 में एक बार फिर से अंसारी व राय परिवार के बीच सियासी जंग हो सकती है, देखा जाए तो भाकपा के बाद बसपा ही ऐसी पार्टी रही जो चुनाव में मुख्तार अंसारी को अपना निशान एलाट की, कुल मिलाकर सपा में रहते मुख्तार अंसारी को कभी साइकिल नसीब नही हुई