कानपुर को एक तरफ स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी हो रही है लेकिन कानपुर शहर में आवारा जानवरों ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है नगर निगम के तो बहुत दावे होते हैं मगर सवाल यह है की जगह-जगह की गली कूचो मे व साड़ गाय व कुत्तो से भरी हुई है आम जनता का तो रोड वा गलियों पर आवारा जानवरों ने जीना दूभर कर रखा है तो कहीं कहीं तो छत ऊपर बंदरों ने भी अपना बसेरा बना कर रखा है
लोगों की छतों पर उछल कूद कर उत्पाद मचाते हैं तो किसी को भयानक दांत दिखा कर डराते हैं लोग अपने अपने घरों में बेचारे कैद हैं रहने को मजबूर हैं कैटल कैचिंग दस्ते पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं मगर काम की मामले में तो वह अपना अपना काम का खाका तैयार रखते हैं कानपुर शहर के हिसाब से आवारा जानवरों का एक लाख के करीब का तांडव जानवरो का है बारिश के दौरान कुत्तों का आतंक कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है जिसके कारण बाइक सवार वह रात को पैदल यात्रियों को अक्सर रात में कुत्तों के दौड़ा लेने से दुर्घटना का अधिक से अधिक शिकार होते हैं यहां हैं कानपुर शहर में आवारा जानवरों का भयानक डेरा अधिकारी मौनकैंट श्याम नगर बाबूपुरवा सुजातगंज नेहरू नगर पी रोड किदवई नगर दर्शन पुरवा इनके जैसे ना जाने कानपुर शहर मैं आवारा जानवरों का भयानक आतंक रहता है।