मो आफताब
इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केशरवानी ने कहा कि कोर्ट को मुकदमों में गुमराह करने वाले अधिवक्ताओं पर कास्ट लगाना न्यायमूर्ति की मजबूरी हो जाती है, अपितु अधिवक्ताओं पर कास्ट लगाने का मैं खुद पक्षधर नहीं हूं।
न्यायमूर्ति श्री केशरवानी ने उक्त बातें गुरूवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के लाइब्रेरी हॉल में आयोजित ‘नो योर जज’ कार्यक्रम में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहीं। न्यायमूर्ति ने कहा जब कोर्ट में मुकदमों के वास्तविक तथ्यों को छिपाकर मुकदमेबाजी की जाती है तो ऐसी परिस्थितियों में पैरोकारों को सबक सिखाने के लिए कभी कभी कास्ट लगाना पड़ जाता है। उन्होंने कहा कि वह खुद अधिवक्ताओं का बहुत सम्मान करते हैं। चूंकि न्यायमूर्ति के रूप में कार्य करने की निर्धारित सीमा होती है। न्यायमूर्ति होने से पहले मैं स्वयं बार में महासचिव एवं उपाध्यक्ष रहा हूं, ऐसे में अधिवक्ताओं का सम्मान करता हूं। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंगला प्रसाद त्रिपाठी एवं संचालन महासचिव सुरेश चन्द्र पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम में पंकज कुमार उपाध्याय, शशि शेखर तिवारी, असलम अली, अंजना चतुर्वेदी, आदित्य नारायण पाण्डेय, संयुक्त सचिव प्रेस आशीष कुमार मिश्रा आदि मौजूद रहे।