इमरान सागर
हैरानी की बात तो यह है कि इंजेक्शन वाइल प्लास्टिक में है और वाइल पर कोई रेपर नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में यह शीशी 30 रुपए में बेची जा रही है। वही दुसरी ओर यह बैक्सीन गर्भपात के काम मे झोला छाप डाक्टर बहुत जोरो से इस्तेमाल कर रहे है ! इतना ही नही इसको सब्जी जल्दी तैयार के लिये भी प्रयोग मे लाया जाता है ! प्रतिबंधित होने बाद भी इन्जेक्शन पर रोक न लग पाना कही न कही प्रशासन कि लापरबाही मानी जा रही है ! यह बैक्सीन नौजवान पीड़ी को उत्साहित करने के काम मे भी लाया जाता है ! और शहर मे कई जगाहो पर इसकी इंजेक्शन कि बिक्री छुप छुपाकर कि जा रही है ! सुत्रो द्रारा यह भी बताया गया है इसकी बिक्री करने बालो का नेटवर्क बहुत ही मजबूत बताया गया जिसके तार उधोग पतियो के अलावा जिश्म फरोश के कारोबारियों से भी जुडे हुये है ! और पशु स्वास्थ विभाग को यह पुर्णतय: जानकारी होने के बाद भी आज तक छापेमारी नही की गई!
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