उसने दंडाधिकारी व केंद्राधीक्षक के सामने गुनाह कबूल कर लिया. दंडाधिकारी मंसूर आलम ने बताया कि परीक्षार्थी का नाम धनंजय कुमार था जबकि उसके बदले उसका भाई नीरज कुमार परीक्षा दे रहा था. क्लासरूम में तैनात वीक्षिका को संदेह हुआ. उन्होंने जब पूछा तो फर्जी परीक्षार्थी घबरा कर वहां से भाग खड़ा हुआ. गेट पर उसे पकड़ लिया गया. उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. डीइओ फूल बाबू चौधरी ने भी फर्जी परीक्षार्थी के पकड़े जाने की पुष्टि करते हुए केंद्राधीक्षकों को फर्जी परीक्षार्थी से सतर्क रहने के लिये कहा है.
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