“बुद्ध एवं गाँधी जीवन पद्धति है, इन्हें सिर्फ सुनो नहीँ गुनो, आचरण में उतारो,यही वसुधैव कुटुम्बकम और वैश्विक शांति का सृजन करेगा”
साहू रामस्वरूप महिला महाविद्यालय में चल रही दो दिवसीय कार्यशाला ‘बुद्ध एवं गाँधी चिन्तन: समसामयिक और उपादेयता’ का समापन हो गया। कार्यशाला के द्वतीय सत्र का आरंभ गाँधी अध्ययन केंद्र निदेशिका डॉ प्रीती पाठक ने किया। कार्यशाला में डॉ नागेश्वर ने त्याग, सत्यनिष्ठा, करुणा, जनसेवा, निःस्वार्थता, प्रेम, दया, को गांधी के व्यक्तित्व के विशष्टता बताया।
गाँधी दर्शन के ही विषय में डॉ राजकुमार ऊपाध्यय ने गांधी दर्शन में अंत्योदय वा सर्वोदय कि महत्ता को स्पष्ट करते हुए भारतीय संविधान में निहित गाँधी आदर्शो के विभिन्न पहलुओं को व्यावहारिक उदहारण द्वारा स्पष्ट करा व सभी को गाँधी जी के कार्यो व विचारों से प्ररेणा ले वैश्विक शांति व वसुधैव कुटुम्बकम के स्वप्न को चरितार्थ करने का आह्वाहन किया।अगली वक्ता डॉ रेनू शुक्ला ने महात्मा बुद्ध के विषय में कहा के एक वैज्ञानिक कि भाँति बुद्ध ने 6 शताब्दी ईसा पू कि समस्याओं का निदान अति सहज ,व्यावहारिक व सरल रूप में आचरण व विचारो संबंधी शिक्षा को आत्मसात करने के रूप में दीया। डॉ रज्जन कुमार ने गांधी व बुध्द से मैत्री व करुणा भाव ग्रहण करने को कहा।डॉ दीप्ती ने कविताओं के माध्यम से गाँधी उपादेयता को बताया।डॉ चारु मेहरोत्रा ने गांधी व बुद्ध के शब्दों का मर्म समझने व युवा पीढ़ी किस प्रकार गाँधी व बुध्द आदर्शो को अपने आचरण में उतारे इस पर चर्चा की।डॉ बंसल ने सत्य अनुसरण को सर्वश्रेष्ट बताया।बुद्ध अध्ययन केन्द्र की निदेशिका डॉ सरिता सक्सेना जी ने सभी को धन्यवाद दे कार्यशाला का समापन किया।सत्र संचालन डॉ कनक लता सिंह ने किया।सीमा अग्रवाल,अलका शर्मा, रेनू सिंह,नीलम सिंह,मीनू गुप्ता,सुधा गुप्ता,पिंकी यादव सहयोगी रहे।डॉ रूचि गुप्ता,डॉ अनामिका,डॉ पूनम,डॉ आशा गुप्ता,डॉ सीमा गौतम,डॉ रीना टण्डन, डॉ समन, करिश्मा अग्रवाल,पूजा शर्मा ,दीपा ने कार्यक्रम में सहभागिता की।