आप इस तस्वीर में देख सकते है कि अगर ये बच्चे पढ़ने वाले है तो इन्हें बाहर इस तरह से आखिर क्यों बैठाया गया है और बाहर बैठाकर आये दिन क्लास रूम को अंदर से दरवाजा बंद करके क्या करते है आखिर प्रधानाध्यापक शैलेंद्र वही विद्यालय परिसर के अंदर कुछ टीचरों का कहना है कि प्रधानाध्यापक शैलेंद्र पहले सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे अभी लगभग 15 दिनों से बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा इन्हें अचानक प्रधानाध्यापक बनाया गया है।
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