चेतगंज थाना प्रभारी को सम्बंधित वीडियो दिखाने के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही
चेतगंज पुलिस की कार्यशैली संदेह के घेरे में
मंदिर के फूल माले की दुकान पर बिकती है अवैध शराब
वाराणसी (प्रह्लाद गुप्ता)
अगर पुलिस चाहे तो किसी भी प्रकार का कोई भी अपराध होना असंभव सा प्रतीत होता है मगर अगर उसी के गलत काम के लिए पुलिस का संरक्षण प्राप्त हो तो फिर कहना ही क्या यदि पुलिस के संरक्षण के साथ कोई राजनैतिक दल के किसी नेता का भी संरक्षण प्राप्त हो जाए तब तो साहब मौज ही समझे इसी प्रकार का एक प्रकरण हमारे संज्ञान में आया कि थाना चेतगंज के अंतर्गत संदीप होटल के निकट एक पूजागृह के पास फूल की दुकान पर पूरी रात शराब की बिक्री होती है
इस प्रकरण के संज्ञान में आते ही हमारी टीम रात के 1:00 बजे संदीप होटल के पास उक्त फूल की दुकान पर पहुंची हमने जब वहां के दुकानदार रमेश जिसका मोबाइल नंबर 7275893394 है से शराब की मांग किया तो वह एक बोतल बीयर का ₹200 मूल्य बताया हमको कौन सी शराब लेनी थी हम तो बस सच्चाई की तह तक जाना चाह रहे थे हमने उससे मोलभाव करने का प्रयास किया जैसा की आप वीडियो में देख सकते हैं उसने खुल्लम खुल्ला कहाकि अगर पैसा बढाकर नहीं बेचेगे तो कहां से पुलिसवालों को खर्चा देंगे पुलिस वालों को खर्चा देना पड़ता है इसको उसकी गलधीतई कहे अथवा बड़बोलापन उसने खुल्लम-खुल्ला बताया कि हम 7 हजार रुपए प्रति सप्ताह थाने पर देते हैं तभी तो इस तरीके से हम शराब बेच लेते हैं इसके अतिरिक्त उसने कहा कि क्या पुलिस वालों को पता नहीं रहता है सब पता रहता है बस पैसा देकर के मुंह बंद करवाना होता है साथ ही उसने अपनी राजनीतिक पकड़ का भी हवाला देते हुए बताया कि दालमंडी क्षेत्र के देलूगली निवासी एक बड़े बिल्डर जो एक राजनीतिक दल का नेता भी है के नाम का हवाला देते हुए कहा की उसको 1 साल से दारु पिला रहा हु
इस प्रकरण में संबंधित वीडियो के साथ जो हमारे संवाददाता प्रह्लाद गुप्ता ने चेतगंज थाना प्रभारी को अवगत करवाया तो उन्होंने हम से रात ही समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया मगर समाचार लिखे जाने तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई तो दूर बल्कि उस दुकान तक एक कांस्टेबल नहीं गया सुबह होने पर वक्त दुकानदार रमेश खुल्लम खुल्ला इलाके में टहल रहा है बस फर्क इतना पड़ा कि उसकी स्ट्रिंग हुई है इसका समाचार उसको मिल गया है. अब देखना है कि सबका साथ सबका विकास विकास की बात करने वाली प्रदेश सरकार के अधीनस्थ पुलिस विभाग इस पर क्या कार्यवाही करता है अथवा सब कुछ ऐसा ही चलता रहेगा वैसे वाराणसी पुलिस को इस दुकानदार से यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह किस पुलिस वाले को हफ्ते का ₹7000 देता है और इस का सच दुनिया के सामने भी आना चाहिए ताकि पुलिस की छवि साफ़ रह सके और इस प्रकरण में पुलिस की भूमिका स्पष्ट हो सके