मोदी सरकार ने गुरुवार को कहा कि आगामी शैक्षणिक सत्र से कमजोर वर्ग के बुनकरों के बच्चों की स्कूल फीस का 75 प्रतिशत सरकार भरेगी। कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक अप्रैल 2017 से अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक, गरीबी रेखा से नीचे आने वाले, बालिकाओं एवं दिव्यांग बुनकरों के बच्चों की स्कूल फीस का 75 प्रतिशत खुद भरने का फैसला किया है।
ईरानी ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2009-10 में एक बुनकरों की शिक्षा की स्थिति जानने के लिए एक सर्वेक्षण किया था। इसमें पाया गया कि 30 प्रतिशत बुनकर कभी स्कूल ही नहीं गए। इसके अलावा उन्होंने बताया किअांकड़ों के मुताबिक, सिर्फ एक प्रतिशत बुनकर ही स्नातक पास कर पाते हैं क्योंकि अभिभावक स्कूल की फीस नहीं भर पाते थे। पिछली सरकार पर इस सर्वेक्षण के बाद कोई कदम नहीं उठाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले साल अगस्त में इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) और राष्ट्रीय मुक्त स्कूलिंग संस्थान (एनआईओएस) के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है ताकि बुनकर अपना काम करते हुए भी पढ़ाई पूरी कर सकें। उन्होंने बताया कि इग्नू ने इनके लिए बैचलर प्रीपरेटरी प्रोग्राम और कंप्यूटर साक्षरता कार्यक्रम की पहचान की है जिनमें इस समुदाय के 6,175 बच्चों ने दाखिले लिए हैं।