मो आफताब फ़ारूक़ी
प्रत्यक्षदर्शियो और पीडितो के आरोपों को आधार माने तो घायलावस्था में उनके परिजन जब उन्हें अस्पताल लेकर पहुॅंचे तो स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में आकस्मिक चिकित्सक कक्ष में मौजूद जूनियर डाक्टर भी होली के रंग में डूबे रहे और हालत यह थी कि वह ठीक से बोल नहीं पा रहे थे और घायलों के उपचार में लगे हुए थे। इसी दौरान एक महिला अपने एक मासूम बेटे को घायलावस्था में लेकर पहुंची तो वहाॅं मौजूद चिकित्सक नशे में चूर उसे एक घंटे तक तड़पने दिया। हालांकि कुछ लोगों के कहने पर उपचार शुरू कर दिया। आखिर अन्त में उस मासूम की जान चली गयी। ज्ञातव्य हो कि जनपद में कई स्थानों पर लोग मार्ग दुर्घटना में घायल हुए है।
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