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ईमानदारी से नौकरी करना महंगा पड़ा सुरक्षा गार्ड को

भागलपुर बिहार जेएलएनएमसीएच (मायागंज अस्पताल) में तैनात सिक्यूरिटी गार्ड का कसूर बस इतना था कि वह अस्पताल प्रशासन द्वारा निर्धारित नियम कानून का पालन कर रहा था. नो पार्किंग जोन में स्कूटी खड़ी कर रहे जूनियर डॉक्टर को अस्पताल के गेट पर तैनात गार्ड ने  स्कूटी हटाने को कहा तो जूनियर डॉक्टर हाथापाई पर उतर गया. देखते ही देखते जूनियर डॉक्टर ने अपने आधा दर्जन डॉक्टर साथियों संग न केवल गार्ड को पीटा बल्कि उसके वरदी को फाड़ दिया. इस छीना-झपटी में गार्ड के वरदी का रिबन टूट गया. इसके बाद गार्डों ने अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए ड्यूटी करने से इनकार कर दिया. वे कार्रवाई की मांग कर रहे थे.

शनिवार की दोपहर 12:45 बजे मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी के गेट पर सिक्यूरिटी गार्ड अरुण यादव अपने साथी गार्ड के साथ ड्यूटी कर रहा था. इसी दौरान अस्पताल में इंटर्नशिप कर रहा डॉ पंकज (जैसा कि गार्डों ने बताया) अपने एक रिश्तेदार के साथ स्कूटी से आया और इमरजेंसी गेट के सामने नो पार्किंग जोन में अपनी स्कूटी खड़ी करने लगा. गार्ड अरुण ने डॉक्टर को स्कूटी खड़ी करने से रोका तो वह आगबबूला हो गया और मारपीट पर उतारू हो गया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जूनियर डॉक्टर ने गार्ड अरुण के साथ मारपीट भी की. हाथापाई में गार्ड का रिबन टूट गया. इस दौरान करीब आधा दर्जन चिकित्सक और आ गये और मारपीट पर उतारू हो गये. तब तक विरोध पर गार्ड भी उतारू हो चुके थे. अपने को फंसता देख जूनियर डॉक्टर पंकज अपने साथी चिकित्सकों के साथ इमरजेंसी के एसीओ रूम में घुस गया. अपने साथी के साथ मारपीट होने के विरोध में गार्डों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. सूचना मिलते ही मौके पर अस्पताल के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल पहुंचे और गार्डों काे समझा-बुझाकर शांत कराया.
एसीओ रूम में घुस कर डॉक्टर को मारने के आरोप पर बिफरे गार्ड
इमरजेंसी से मामला शांत होने के बाद आक्रोशित सिक्यूरिटी गार्ड अपनी व्यथा सुनाने के लिए अधीक्षक कार्यालय पहुंचे. यहां पर मौजूद अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने मौजूद गार्डों को यह कहते हुए फटकारा कि गार्ड को पीटनेवाले डॉक्टर को एसीओ रूम में घुस कर गार्डों ने क्यों पीटा. अधीक्षक ने कहा कि वे सीसीटीवी फुटेज निकलवा कर देखेंगे. अगर ये सच पाया गया तो वे उनकी सेवा समाप्त कर देंगे. इस धमकी के बाद सभी गार्ड आक्रोशित हो गये और अधीक्षक कार्यालय के सामने एक घंटे तक जमे रहे. सबका कहना था कि एक तो इनकी मौखिक आदेश मानो और डॉक्टर से लेकर मरीजों व उनके तीमारदारों से झगड़ा मोल लो, फिर फंसने पर डांट भी उन्हीं को क्यों सुननी पड़े. इसके बाद गार्डों ने ड्यूटी करने से इनकार कर दिया. फिर बाद में करीब दो बजे से पुन: ड्यूटी पर गार्ड लौटे.
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