निलोफर बानो.
कमेला (पशुओं की कटाई) पर रोक के बाद बड़े पशुओं के मीट की 200 से 250 दुकानों पर ताले पड़ गए जिसका असर लखनऊ की पहचानों में से एक टुंडे कबाबी की दुकान पर भी दिखा। कुरैश वेलफेयर फाउंडेशन के महामंत्री मो. शहाबुद्दीन कुरैशी बताते हैं कि राजधानी में बड़े पशुओं के मीट की खपत रोजाना 20 टन से ज्यादा की है एक दिन में मीट का कारोबार करीब 50 लाख रूपये का है। उनका कहना है कि स्लॉटर हाउस सील होने से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। मीट की सप्लाई बंद होने का असर नॉनवेज होटलों पर भी पड़ा है दुनिया भर में मशहूर टुंडे कवाब की चौक की दुकान बुधवार को बंद रही। संचालक अबू बक्र ने बताया कि टुंडे कवाब का स्वाद लेने देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। आखिर सरकार पर्यटकों को क्या संदेश देना चाहती है
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